लखनऊ :प्रसपा के मुखिया चाचा शिवपाल सिंह यादव के ताजा रुख से मैनपुरी लोकसभा सीट के उपचुनाव में भाजपा की उम्मीदों को बड़ा झटका लगता दिख रहा है। शिवपाल ने जिस तरह से सैफई में कार्यकर्ताओं के बीच डिंपल यादव को बड़ी बहू बताते हुए जिताने का आह्वान किया उससे साफ लगता है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से उनके बिगड़े रिश्ते का फायदा उठाने की कोशिश में भाजपा की राह मैनपुरी सीट पर आसान नहीं रहने वाली है। अखिलेश एक-दो दिनों में चाचा शिवपाल से मुलाकात भी कर सकते हैं। इसके बाद शिवपाल अपनी टीम के साथ मैनपुरी के उपचुनाव में पूरी तरह से डिंपल के लिए प्रचार करने उतर सकते हैं।समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन से रिक्त हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में सपा ने डिंपल को मैदान में उतारा है। भाजपा ने यहां से इटावा के दो बार के सांसद रहे रघुराज सिंह शाक्य पर दांव लगाया है। मूल रूप से जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले रघुराज प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव के बेहद करीबी रहे हैं। रघुराज प्रसपा मुखिया शिवपाल को अपना राजनीतिक गुरु बता रहे हैं।सपा से इस्तीफा देने के बाद रघुराज सिंह शाक्य शिवपाल की पार्टी में शामिल हुए थे। उन्हें प्रसपा का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया था। भाजपा को उम्मीद थी कि जिस तरह से शिवपाल पिछले विधानसभा चुनाव में सपा से गठबंधन को बड़ी भूल और सार्वजनिक मंच से अपने अपमान की दुहाई देते रहे हैं उससे अखिलेश से उनके बिगड़े रिश्ते का फायदा पार्टी प्रत्याशी रघुराज को मिल सकता है। डिंपल के नामांकन में शिवपाल के न रहने से भाजपा की उम्मीदें कहीं और बढ़ गईं थी। सूत्रों के अनुसार स्टार प्रचारक बनाए जाने के साथ ही अखिलेश यादव ने सैफई परिवार के सदस्यों को भी शिवपाल सिंह यादव को मनाने के लिए लगाया। मैनपुरी के पूर्व सांसद तेज प्रताप सिंह यादव को उनके पास भेजा। इस तरह अखिलेश की शिवपाल को मनाने की तमाम कोशिशें कामयाब होती दिख रही है। हालांकि शिवपाल ने डिंपल के समर्थन में खुलकर मीडिया के समक्ष कुछ नहीं बोला है। माना जा रहा है कि अखिलेश से मुलाकात के बाद ही शिवपाल सपा के समर्थन में मैदान में उतरने की बात कहेंगे।