कानपुर: लॉकडाउन के बाद धंधा चौपट हो जाने और नौकरी छूट जाने से आर्थिक तंगी का शिकार हुए लोगों पर स्कूल फीस का बोझ बढ़ता जा रहा है। स्कूल बंद होने के बावजूद प्रबंधन मोटी फीस की मांग कर रहा है। अखिल भारतीय पीड़ित अभिभावक महासंघ के पदाधिकारी स्कूल फीस माफी की मांग करते चले आ रहे हैं, इसी कड़ी में बुधवार को डीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करते हुए अभिभावकों ने सीएम की फोटो पर नाक रगड़ते हुए फीस माफी की मांग दोहराई। इससे पहले भी अभिभावक सीएम से मिलने के लिए लखनऊ रवाना हुए लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया था।
बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार के बाहर अखिल भारतीय पीड़ित अभिभावक महासंघ,फलक चैरिटेबल एंड एजुकेशनल ट्रस्ट,पेशेंट हेल्थ केयर सोसायटी,मायरा फाउंडेशन ट्रस्ट के पदाधिकारी एकत्र हुए। यहां पर सभी अभिभावकों ने रामधुन में भजन गाकर मुख्यमंत्री से फीस माफी की मांग की। इतना ही नहीं कुछ अभिभावकों ने मुख्यमंत्री की फोटो के आगे नाक-चेहरा रगड़ते हुए फीस माफ करके रहम करने की आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि काम धंधा चौपट हो जाने और नौकरी छूट जाने से परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है। ऐसे में स्कूलों की फीस उनपर बोझ बन गई है।
महासंघ के अध्यक्ष राकेश मिश्रा निडर के नेतृत्व में सीएम के चित्र के समक्ष दंडवत होकर कहा कि अभिभावक बुरी तरह से परे्शान हैं, इसलिए जल्द से जल्द समस्या का समाधान होना चाहिए। इसके बाद कहा कि याचना नहीं अब रण होगा, संघर्ष बहुत भीषण होगा। पदाधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय मुक्त विवि की तर्ज पर ऑनलाइन फीस का निर्धारण किया जाए। जो विद्यालय 20000 रुपये शुल्क ले रहे हों, उनकी बैलेंस शीट तैयार कराई जाए। जिन विद्यालयों की मान्यता नहीं है, उनका संचालन बंद कराया जाए। प्रदर्शन करने वालों में अनिल गुप्ता,प्रदीप त्रिपाठी,संदीप त्यागी,जितेंद्र गुप्ता(पोपी), नवीन अग्रवाल, लव गुप्ता, सौरभ त्रिपाठी, लक्ष्मी निषाद,प्रमोद यादव,अमित शुक्ला,अभिजीत गुप्ता,दीपू नागवंशी,अमित कौशल,विवेक दुबे,भगवानदीन आदि मौजूद रहे।