लखनऊ:इंटरनेट मीडिया पर कदम जरा संभालकर बढ़ाइये। खासकर फेसबुक पर किसी अजनबी की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने के बाद उसकी वीडियो काल रिसीव करने से पहले सौ बार सोचिए। साइबर अपराधियों का गिरोह इन दिनों हनीट्रैप के जरिए लोगों को अपने जाल में फंसाकर ब्लैकमेल कर रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात सचिवालय सेवा के अधिकारी आरवी सिंह की तरह कई लोग इंटरनेट मीडिया पर एक गलती के बाद मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। एक भूल उन पर भारी पड़ रही है।एसपी साइबर क्राइम प्रो.त्रिवेणी सिंह का कहना है कि इन दिनों फेसबुक पर चैटिंग के दौरान अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किए जाने की शिकायतें रोजाना आ रही हैं। इसका शिकार हुए कई लोग तो लोकलाज की वजह से सामने भी नहीं आ रहे। ऐसे मामलों की छानबीन में सामने आया है कि मथुरा,राजस्थान के भरतपुर व हरियाणा के मेवात में सक्रिय साइबर अपराधियों के गिरोह हनीट्रैप के जरिए लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। गिरोह में युवतियां भी शामिल हैं। गिरोह सबसे पहले इंटरनेट मीडिया पर लोगों के प्रोफाइल खंगालता है। इसके बाद फेसबुक व इंस्टाग्राम पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर जानपहचान बढ़ाने का प्रयास करता है। खासकर फेसबुक पर युवती के नाम की आइडी बनाकर लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जाती है और चैटिंग शुरू की जाती है। कुछ बात बढऩे पर अचानक वीडियो काल की जाती है।वीडियो काल को रिसीव करते ही दूसरी ओर युवती आपत्तिजनक स्थिति में नजर आती है। युवती के उकसाने पर कुछ लोग गलती भी कर बैठते हैं। गिरोह डीपफेक टूल के जरिये वीडियो से छेड़छाड़ भी करते हैं। स्क्रीन शाट कैप्चर व कुछ अन्य साफ्टवेयर के जरिए वीडियो चैटिंग की रिकार्डिंग भी कर लेते हैं। कई तस्वीरें भी निकाल ली जाती है। जिसके बाद ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू होता है। एसपी का कहना है कि कुछ माह पूर्व ऐसे ही गिरोह के कुछ सदस्य आगरा व नोएडा से पकड़े गए थे। वर्तमान में 15 से 20 ऐसे साइबर अपराधी पुलिस के निशाने पर हैं। जल्द उन तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। एसपी का कहना है कि किसी भी अजनबी की वीडियो काल रिसीव न करें।