लखनऊ: कोरोना वायरस संक्रमण के गति पकडऩे के बीच भी उत्तर प्रदेश में चल रहे पंचायत चुनाव पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक याचिका दाखिल की गई है। सचिन भारद्वाज की इस याचिका में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है।
भारतीय जनता पार्टी के सांसद कौशल किशोर के बीत एक हफ्ते पहले और भाजपा के बांदा से विधायक प्रकाश द्विवेदी के सोमवार को प्रदेश में पंचायत चुनाव को रोकने की मांग के बीच में आज सुप्रीम कोर्ट में इसी को लेकर एक याचिका दाखिल की गई है।
सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका दायर करने वाले का कहना है कि देश तथा प्रदेश में कोरोना वायरस के कारण बिगड़ रहे हालात देखते हुए उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव पर रोक लगाना ही उचित होगा। दो चरण के चुनाव में कहीं पर भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा रहा है। लोग बिना मास्क लगाए मतदान केंद्र में पहुंच रहे हैं। यहां पर फिजिकल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। ऐसे में पंचायत चुनाव पर रोक लगाना ही सही होगा।
इससे पहले भी पंचायत चुनाव पर रोक लगाने के लिए कई विपक्षी पार्टियों सहित समाजसेवी संगठनों ने भी आवाज उठाई थी। अब पंचायत चुनाव का मामला देश की सर्वोच्च अदालत में पहुंच चुका है। कोरोना के भयानक प्रकोप को देखते हुए पंचायत चुनाव पर रोक लगाए जाने की मांग की गई है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है। अब यह तो देखने वाली ही बात होगी कि, इस पर शीर्ष अदालत की तरफ से क्या निर्देश दिया जाता है।
पंचायत चुनाव आगे बढ़ाने के लिए विधायक ने सीएम को लिखा पत्र: कोरोना संक्रमण की भयावहता और ग्रामीण इलाकों में तेजी से पैर फैलाने का हवाला देते हुए बांदा सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पंचायत चुनाव आगे बढ़ाए जाने के लिए पत्र भेजा है। कहा कि एक भाजपा समॢथत प्रत्याशी की कोरोना संक्रमित होने से मौत हो चुकी, जबकि दूसरे की हालत गंभीर है। प्रत्याशी गांवों में समर्थकों के साथ जनसंपर्क कर रहे हैं और ग्रामीण इलाके भी तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं।