लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शुक्रवार देर शाम हाथरस में मृत युवती के मामले में लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई करते हुए हाथरस के एसपी विक्रांत वीर समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। हाथरस केस के लिए सचिव गृह भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) की प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह फैसला किया है। इसके साथ ही वादी और प्रतिवादी सभी लोगों के पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट भी कराए जाएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवती की हत्या की घटना में लचर पर्यवेक्षण के दोषी मौजूदा एसपी विक्रांत वीर, डीएसपी राम शब्द, प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार वर्मा, वरिष्ठ उप निरीक्षक जगवीर सिंह और हेड मुहर्रिर महेश पाल के खिलाफ कार्रवाई करते हुए निलंबित करने का निर्देश दिया है। एसपी विक्रांत वीर की जगह एसपी शामली विनीत जायसवाल को हाथरस का नया एसपी नियुक्त किया गया है। वहीं नित्यानंद राय को शामली का प्रभारी एसपी बनाया गया है। नित्यानंद रायबरेली में एडीशनल एसपी के पद पर कार्यरत थे।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि एसआइटी की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी समेत सभी निलंबित पांचों पुलिसकर्मियों, वादी, आरोपितों व अन्य संबंधित लोगों व पुलिसकर्मियों के पॉलीग्राफ और नार्को एनालिसिस टेस्ट कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। हाथरस घटना के विवेचक पॉलीग्राफ व नार्को टेस्ट कराएंगे। बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंड पीठ ने हाथरस की घटना का स्वत: संज्ञान लेकर अपर मुख्य सचिव गृह, डीजीपी, डीएम व एसपी को 12 अक्टूबर को तलब किया है। कोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किे थे।इस कार्रवाई से पहले हाथरस की घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुंचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है। उन्होंने कहा, इन्हें ऐसा दंड मिलेगा जो भविष्य में उदाहरण प्रस्तुत करेगा। आपकी उत्तर प्रदेश सरकार प्रत्येक माता-बहन की सुरक्षा व विकास हेतु संकल्पबद्ध है। यह हमारा संकल्प है-वचन है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस की हृदय विदारक घटना के बाद सरकार भी तेजी से हरकत में आ गई है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की जांच के साथ ही पीड़ित परिवार को न्याय और मदद की जिम्मेदारी हाथ में ली है। उन्होंने पीड़ित परिवार से बात कर हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है। परिवार को 25 लाख रुपये, एक सरकारी नौकरी और शहर में घर देने की घोषणा की है।
बता दें कि हाथरस के चंदपा क्षेत्र में 14 सितंबर को 19 वर्षीय अनुसूचित जाति की युवती पर उस समय जानलेवा हमला हुआ था, जब वह मां के साथ खेत में चारा लेने गई थी। मां की तहरीर पर पुलिस ने गांव के ही चार आरोपितों के खिलाफ जानलेवा हमला और एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया। बाद में बयान के अधार दुष्कर्म की भी धारा जोड़ी गई। हालांकि पुलिस का दावा है कि फोरेंसिक रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस इस मामले में चारों आरोपितों को जेल भेज चुकी है।
हमले में लड़की की गर्दन में चोट आई थी। सांस लेने में परेशानी थी। इस कारण पहले अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। वहां उसे दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल रेफर कर दिया गया, लेकिन पीड़िता 16 दिन बाद जिंदगी से जंग हार गई। उसी दिन देर रात उसका शव हाथरस पहुंचा, जहां पुलिस की निगरानी में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। युवती की मौत से लोगों में जबर्दस्त आक्रोश है।