जेएनआई पर खास खबर: साल भर में शराबी गटक रहे 1 अरब, 73 करोड़ की मदिरा

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फर्रुखाबाद:(दीपक-शुक्ला) जिले में शराब की खपत के साथ ही शराबियों की संख्या में प्रतिवर्ष इजाफा हो रहा है। इसके साथ ही शराबी अरबों की शराब गटक रहे है| किसी को अंदाजा भी नही होगा की जिले के शराबी अकेले देशी शराब अरबों रूपये की गटक जा रहे है| जिले में देशी के साथ ही अंग्रेजी और वियर के आंकड़े भी चौकाने वाले है| जिले में लगभग प्रतिवर्ष 1 अरब 73 की शराब पी जा रही है|
जिले में देशी शराब के कुल 192 ठेके है| इसके साथ ही साथ अंग्रेजी शराब के 57 व बियर के 43 ठेके शराब बिक्री के लिए है|  इसके साथ ही एक मॉडल शॉप भी है| जिन पर सरकार के द्वारा अधिकृत शराब की बिक्री होती है| इस शराब से लाखों नही, करोड़ों नही बल्की अरबों में राजस्व पंहुच रहा है| आबकारी विभाग के द्वारा जिले में केबल 10 महीने ही शराब की बिक्री की जाती है| यह अप्रैल से शुरू होकर जनवरी में समाप्त होती है| लेकिन इस दस महीने में शराबी अरबों के जाम लड़ा देंते है|
आंकड़ों पर यदि नजर डाले तो वर्ष भर में जिले में देशी शराब लगभग 1 अरब 10 करोड़ 30 लाख की बिक्री होती है| जो अनुमानित एक दिन में 36 लाख 67 हजार प्रतिदिन है| वही अंग्रेजी शराब के ठेके पर भी खूब बिक्री होती है| जिसमे वर्ष में अंग्रेजी शराब अनुमानित 55 करोंड 22 लाख की बिक्री होती है| एक दिन में अंग्रेजी शराब की बिक्री 18 लाख चालीस हजार रूपये लगभग है|
इस तरह यदि बियर की बिक्री पर नजर डालें तो बियर प्रतिवर्ष लगभग 8 करोड़ और 10 लाख व प्रतिदिन लगभग 3 लाख की बिक्री होती है| आंकड़ो के अनुसार प्रति वर्ष बियर, अंग्रेजी और देशी शराब की बिक्री लगभग 1 अरब 73 करोड़ के आस-पास है|
अब देखें कितनी मात्रा में पी जा रही कौन सी शराब
आबकारी विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जनवरी महीने में देशी शराब 468236 बल्क लीटर, अंग्रेजी शराब जिले भर में 157788 बोतल, बियर 106512 करें पी जा रही है|
शादी व चुनाव के चलते अधिक छलकते जाम
शादी के सीजन होने से बारातियों का शराब पीने व पिलाने का दौर अधिक होता है। इस दौरान शराब खोरी बढ़ जाती है। साथ ही चुनाव आदि में भी वोटरों को लुभाने के लिए शराब की खूब खरीदी व बिक्री हुई होती है। शासन व प्रशासन के काफी प्रयासों के बाद भी चुनाव के दौरान वोटरों तक शराब पहुंच ही जाती है| वहीं गर्मी में बीयर की खपत अधिक होती है।
सहायक आबकारी आयुक्त व जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार नें जेएनआई को बताया कि शराब के बिक्री के आंकड़े घटने बढ़ते रहते है| लेकिन शराब बिक्री के आंकड़ों में जादा फर्क नही आता है| हर महीने बिक्री की संख्या कम व जादा होती रहती है|