मायावती नें यूपी में तीन को बनाया को-ऑर्डिनेटर

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लखनऊ: पहली बार उप-चुनाव की जंग में उतर रही बहुजन समाज पार्टी के संगठन की मजबूती के लिए फिर बदलाव किया गया है। गुरुवार को मॉल एवेन्यू स्थित कार्यालय में आयोजित प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक में बसपा सुप्रीमो मायावती ने तीन-तीन मंडल पर मुख्य जोन इंचार्ज की व्यवस्था समाप्त करके हर मंडल पर कोआर्डिनेटर की व्यवस्था की है। इसके साथ ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की तरह प्रदेश में भी तीन मुख्य को-आर्डिनेटर नियुक्त किए गए है। प्रदेशीय को-आर्डिनेटर की तैनाती में वोटबैंक का गणित ध्यान में रखते हुए प्रदेश अध्यक्ष मुनकाद अली, राष्ट्रीय महासचिव आरएस कुशवाहा व विधान परिषद सदस्य भीमराव अंबेडकर को जिम्मेदारी सौंपी है। साथ ही बहुजन वालेंटियर फोर्स का मंडल अध्यक्ष का पद भी खत्म कर दिया गया है।
लोकसभा चुनाव 2019 में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के बाद भी अपेक्षित परिणाम न मिलने पर बहुजन समाज पार्टी अब उत्तर प्रदेश में अकेले ही सभी चुनाव लड़ेगी। प्रदेश में 13 सीट पर होने वाले विधनसभा उप चुनाव के लिए अपने प्रत्याशी घोषित करने के साथ ही बसपा प्रचार में भी लगी है। उपचुनाव की तैयारी के सिलसिले में एक पखवाड़े के अंतराल में दूसरी बार आहूत बैठक में मायावती ने संगठन की मजबूती पर बल दिया। उपचुनाव जीतने के लिए हर दांव चलने पर जोर दिया। उनका कहना था कि उपचुनाव की विजय वर्ष 2022 की राहें आसान करेगी। जिला और विधानसभा क्षेत्र की कमेटियों को यथावत रखने के साथ ही भाईचारा कमेटियों के जरिए अन्य वर्गो को भी जोड़ने के निर्देश दिए।
भड़काऊ दलित संगठनों से भी आगाह किया
अपने करीब पौन घंटे के संबोधन में मायावती ने भाजपा-कांग्रेस को कोसा। मंदी, महंगाई, बेरोजगारी व ध्वस्त कानून व्यवस्था के लिए भाजपा की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। सर्वसमाज को जोड़ने के लिए पदाधिकारियों से जमीनी स्तर पर काम करने का मंत्र दिया। उनका कहना था कि उपचुनाव में संगठन और पुराने कार्यकर्ताओं को मैदान में उतारा है इसलिए उनकी जीत के लिए जीजान से लगाना होगा। मायावती ने कांगे्रस भाजपा के अलावा उन संगठनों पर भी निशाना साधा जो कानून को हाथ में लेकर दलितों को हिंसक आंदोलन में झोंक रहे है। उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग, जाति व धर्म आधारित हिंसा और अराजकता फैलाने वालों से सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने धारा 144 जैसी पाबंदियां तोड़ने से बचने की सलाह भी दी। उनका कहना था, ऐसा कर सरकारी साजिश को विफल किया जा सकता है। जनाधार को बढ़ाने की प्रगति की गहन समीक्षा
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में पार्टी के जमीनी स्तर पर चल रहे कार्यकलापों व सर्वसमाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने की प्रगति आदि की गहन समीक्षा की। इसके साथ ही विधानसभा उपचुनाव सहित पार्टी की आगे की तैयारियों के सम्बन्ध में भी जरुरी दिशा-निर्देश दिये। बैठक में विधानसभा उपचुनावों का उल्लेख करते हुए मायावती ने कहा कि इस बार खास रणनीति के तहत इन उपचुनावों को लडऩे के लिए पार्टी के पुराने व वरिष्ठ चेहरों को ही ज्यादातर चुनाव मैदान में उतारा गया है, जिनको जिताने के लिए कार्यकर्ता तथा समर्थकों को हर प्रकार का सहयोग करना होगा। बहुजन समाज पार्टी ने उपचुनावों को लेकर बीते दिनों में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में 13 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव अकेले लडऩे का ऐलान किया। उस दौरान 11 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान भी कर दिया गया था।
यह लड़ेगें चुनाव
राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में बसपा सुप्रीमो मायावती ने 13 विधानसभा सीटों पर अकेले चुनाव लडऩे का ऐलान किया। यह पहला मौका है, जब बसपा उपचुनाव लड़ने जा रही है। बसपा ने 13 में से 11 सीट पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। घोसी से कय्यूम अंसारी, मानिकपुर से राजनारायण निराला, हमीरपुर से नौशाद अली, जैदपुर से अखिलेश अंबेडकर, बलहा से रमेश गौतम, टूंडला से सुनील कुमार चित्तौड़, लखनऊ कैंट से अरुण द्विवेदी, प्रतापगढ़ सदर से रंजीत सिंह पटेल, रामपुर से जुबेर मसूद खां और कानपुर से देवी प्रसाद तिवारी। पार्टी ने अंबेडकर नगर से राकेश पांडेय को प्रत्याशी घोषित किया था। उनके चुनाव लड़ने से इन्कार करने पर अब पार्टी को जलालपुर के साथ सहारनपुर की गंगोह पर सीट पर प्रत्याशी घोषित करना है।
मजबूती से उपचुनाव लड़ने के निर्देश
बैठक में मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों को तीन राज्यों में होने वाले चुनाव और उत्तर प्रदेश के उपचुनाव को मजबूती और पूरी ताकत से लड़ने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी को सत्ताधारी भाजपा और कांग्रेस दोनों के खिलाफ इस चुनाव में लड़ना है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि बैलेंस ऑफ पावर बनकर आगे बढ़ना है। सत्ता की मास्टर चाभी अपने हाथों में लिए बिना हमारे लोगों का हित और कल्याण संभव नहीं है।