फर्रुखाबाद: सदर क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे पूर्व एमएलसी मनोज अग्रवाल के द्वारा शुरू की गयी मां रसोई में इन दिनों सबकुछ नियमानुसार नहीं हो रहा है। गरीबों को 10 रुपये में भोजन देने की आड में उनके कार्यकर्ता व समर्थक चुनावी काम काज निबटाने के बाद शाम को छक कर भोजन कर रहे हैं। जिस पर अब प्रशासन को एतराज होने लगा है।
शुक्रवार को सूचना मिलने पर प्रशासन व पुलिस ने मां रसोई पहुंचकर मामले की हकीकत जानने का प्रयास किया और रसोई कर्मियों को सख्त हिदायत दी थी। इसके बाद भी शाम आते आते सरे शाम निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थक कारों से मां रसोई पहुंचे और बखूबी भोजन करते देखे गये। अपने मुहं से कोई यह कहने को तैयार नहीं कि वह मनोज के समर्थक हैं। लेकिन यदि वह उनकी बड़ी बड़ी गाड़ियों से उतरकर रसोई में भोजन करें तो फिर प्रमाण की आवश्यकता नहीं रह जाती।
जिस समय मां रसोई का शुभारंभ हुआ था उस समय भी मीडियाकर्मियों द्वारा यह सवाल दागा गया कि क्या भोजन करने वाले को कोई प्रमाण देना पड़ेगा कि वह गरीब है। जिस पर कोई जबाब संतोषजनक नहीं मिला था। कहीं न कहीं मनोज के दिमाग में निर्दलीय प्रत्याशी बन चुनाव लड़ने की लालसा बलवती हो रही थी। रसोई में गरीबों को खाना खिलाना तो पुण्य का काम है लेकिन आचार संहिता के दौरान प्रत्याशी के कार्यकर्ता यदि प्रशासन और चुनाव आयोग की आंखों में धूल झोंककर प्रत्याशी का खर्चा बचाने पर आमादा हों तो इसे आचार संहिता का उल्लंघन जरूर माना जायेगा।
इस सम्बंध में नगर मजिस्ट्रेट शिवबहादुर सिंह पटेल ने बताया कि रसोई संचालकों को किसी प्रत्याशी के कार्यकर्ताओं को भोजन कराने का फिलहाल अभी अधिकार नहीं है। यदि ऐसा होता है तो मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जायेगी। एसडीएम सदर सुरेन्द्र सिंह ने भी कहा है कि यदि आचार संहिता का उल्लंघन होता मिला तो कार्यवाही तय है।