किसी भी शिकायत की प्राथमिक जांच लोकपाल करेगा: सिंघवी

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नई दिल्ली। संसद में आज लोकपाल पर रिपोर्ट पेश करने के बाद स्टैंडिंग कमिटी के अध्यक्ष अभिषेक मनु सिंघवी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि लोकपाल को संवैधानिक दर्जा मिले, ऐसी उनकी कोशिश है और उन्होंने यह रिपोर्ट को संसद में पेश कर दी है।

उन्होंने कहा कि लोकपाल को संविधान के नियम 253,254 के तहत संवैधानिक दर्जा मिले। उन्होंने कहा कि लोकपाल पर स्टैंडिंग कमिटी के सदस्यों के बीच मतभेद की बात गलत है। उन्होंने बताया कि लोकपाल के दायरे से सीबीआई को बाहर रखा गया है। सांसदों के आचरण को भी लोकपाल के दायरे से बाहर रखने की सिफारिश की गई है। साथ ही

लोकपाल नियुक्ति के लिए समिति बनाने की सिफारिश की गई है। सिंघवी ने बताया कि सरकार द्वारा 10 लाख से ज्यादा के अनुदान लेने वाले एनजीओ सरकार के नियंत्रण में रहेंगे। फोन टेपिंग पूर्व कानून के तहत ही हो सकेगा। इसमें लोकपाल को विशेष कोई अधिकार नहीं दिए जाएंगे।

पीएम को लोकपाल के दायरे में रखने पर तीन मॉडल को संसद के सामने रखा गया है। सांसदों के आचरण पर पूरा व्यापक विवरण संसद के सामने रखा गया है। सिंघवी ने बताया कि लोकपाल व लोकायुक्तों के लिए बराबर का स्टैंडर्ड होना चाहिए। इसे भी संसद के सामने रखा गया है। न्यायापालिका के लिए राष्ट्रीय न्यायिक आयोग बनाने की सिफारिश की गई है।

किसी भी शिकायत की प्राथमिक जांच लोकापल करेगा। फिर सीबीआई जांच करेगी। इसके बाद विशेष अदालत या लोकपाल अदालत में मामला जाएगा। मीडिया, एनजीओ के बारे में भी एक विशेष सिफारिश की गई है।