दो दिन तक ‘डेडबॉडी’ का इलाज करते रहे डॉक्टर

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25-doctor-stethoscope-at-200अलीगढ: मेडिकल कॉलेज से मरीजों को किसी लालचवश नर्सिंग होम में रैफर करना और फिर नर्सिंग होम में उस मरीज के तीमारदारों से अनाप-शनाप रकम वसूला जाना, यहां तक तो कमीशनखोरी की बात समझ में आती है। मगर यहां तो मृतक को ही वेंटीलेटर पर इलाज दिया जा रहा था और उसके नाम पर ही रकम मांगी जा रही थी।

यह खुलासा उस वक्त हुआ, जब दूसरे डॉक्टर ने उसे देखते ही मृत घोषित कर दिया और विधायक बरौली के हस्तक्षेप पर पोस्टमार्टम कराया गया। तब पता चला कि वह तो डेढ़ दिन पहले ही मर गया था। इसे लेकर अब विधायक ने प्रशासन से लेकर शासन तक से जांच की मांग की है।

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प्रकरण भूमिया बाबा के बाहर सोमवार को हुए एक्सीडेंट से जुड़ा है। इस एक्सीडेंट में मृत दो सगी बहनों का पिता शिशुपाल निवासी लोहफूट भी घायल हुआ था। उसे मेडिकल कॉलेज लाया गया था। परिजनों की मानें तो सोमवार शाम उसे मेडिकल में वेंटीलेटर की जरूरत बताते हुए कहा गया कि हमारे यहां वेंटीलेटर खाली नहीं है, कहीं और ले जाओ। वेंटीलेटर की जरूरत बताने वालों के बीच किसी ने सलाह दी कि धौर्रा स्थित धौर्रा हॉस्पिटल में वेंटीलेटर है, वहां ले चलो।

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अब वह कौन व्यक्ति था, यह तो नहीं कहा जा सकता। मगर उसकी बातों में आकर परिजन तत्काल शिशुपाल को धौर्रा हॉस्पिटल ले गए। बृहस्पतिवार रात तक शिशुपाल के परिजनों से इलाज के नाम पर 80 हजार रुपये ले लिए गए और शुक्रवार सुबह से ही और रकम मांगी जाने लगी। इसी बीच बरौली विधायक ठा. दलवीर सिंह को खबर हुई तो वे धौर्रा हॉस्पिटल पहुंचे। वहां का माहौल देख उनका माथा ठनका तो उन्होंने तुरंत ट्रॉमा सेंटर संचालक से वार्ता की और सीडीओ से विधायक निधि से इलाज कराने की बात कही।

इसी बीच शिशुपाल को दोपहर करीब एक बजे ट्रॉमा सेंटर लाया गया। जहां डॉक्टर ने देखते ही उसे मृत बता दिया। इस पर विधायक ने आशंका जताते हुए अधिकारियों से वार्ता कर शव के पोस्टमार्टम का अनुरोध किया। पोस्टमार्टम सूत्रों के अनुसार मृत्यु डेढ़ दिन पहले यानि बृहस्पतिवार तड़के किसी वक्त हो चुकी थी। इससे साफ है कि शिशुपाल के परिवार से मृतक के इलाज की रकम मांगी जा रही थी।

गांव भर ने दिया 60 हजार का चंदा

शिशुपाल के परिवार की हालत कुछ ऐसी है कि उसके इलाज तक के लिए परिवार पर रुपये नहीं थे। इसे लेकर गांव भर से 60 हजार रुपये का चंदा हुआ था। तब जाकर धौर्रा हॉस्पिटल का भुगतान किया गया था। इसके अलावा बीस हजार रुपये परिवार व रिश्तेदारों के स्तर से दिया गया था। अब शुक्रवार को अन्य रकम मांगी जा रही थी।

मसला वाकई गंभीर है। इस मामले में डीएम, सीएमओ, स्वास्थ्य सचिव से वार्ता की गई है। एक घर में हॉस्पिटल चल रहा है। मेडिकल कॉलेज वालों की उनसे कमीशनखोरी की सेटिंग है। मृतक व्यक्ति के इलाज पर रकम मांगी जा रही हैं और इलाज के नाम पर भी धोखा किया जा रहा है। इस मामले में अधिकारियों से प्रकरण की जांच व आरोपी हॉस्पिटल संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की बात कही गई है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है। अगर मामले में उनकी न सुनी गई तो मुख्यमंत्री से भी कहा जाएगा।
– ठा. दलवीर सिंह, रालोद विधायक