सीबीआई ने मुलायम और अखिलेश को आय से अधिक संपत्ति मामले दी क्लीन चिट

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नई दिल्ली: आय से अधिक संपत्ति मामले में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। इस मामले में सीबीआई ने हलफनामे में मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव को क्लीन चिट दे दी। सीबीआई ने हलफनामे में कहा है कि पिता और पुत्र के खिलाफ उनको कोई सबूत नहीं मिला है।सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि प्रारंभिक जांच में दोनों के खिलाफ कुछ नहीं मिला है। इस मामले की जांच 2013 में पूरी हो गई थी और सीवीसी को रिपोर्ट सौंप कर मामला बंद कर दिया था। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल ये सब कहा है। याची विश्वनाथ चतुर्वेदी ने अर्जी दाखिल कर कोर्ट से सीबीआई को दोनों नेताओं के आय से अधिक संपत्ति रखने बारे में रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश मांगा था, जिस पर कोर्ट ने सीबीआई से हलफनामा दाखिल कर जवाब देने को कहा था| यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव व अखिलेश यादव को बड़ी राहत सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति के मामले मे दोनों को दी क्लीनचिट । कहा प्रारंभिक जाँच मे दोनों के ख़िलाफ़ कुछ नही मिला जाँच 2013 में पूरी हो गई थी और सीवीसी को रिपोर्ट सौंप कर मामला बंद कर दिया था।
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट मे हलफ़नामा दाखिल कर कही ये बात। विश्वनाथ चतुर्वेदी ने अर्जी दाखिल कर कोर्ट से सीबीआई को दोनों नेताओं के आय से अधिक संपत्ति रखने बारे मे रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश माँगा था जिस पर कोर्ट ने सीबीआई से हलफ़नामा दाखिल कर जवाब देने को कहा था।
समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के 12 साल पुराने मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी किया था। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने सीबीआई से केस की जांच रिपोर्ट मांगी गई थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि छह साल पहले जांच पूरी होने के बावजूद सीबीआई ने इसकी रिपोर्ट नहीं सौंपी है।
इसके बाद सपा नेता मुलायम सिंह यादव ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर कहा था कि उनके खिलाफ दायर याचिका राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने कहा था कि लोकसभा चुनाव होने हैं, इसलिए जानबूझकर उनके खिलाफ ये अर्जी दाखिल की गई है। आयकर विभाग ने उनकी और उनके परिवार की संपत्ति की जांच की थी, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला। ऐसे उनके और उनके परिवार के खिलाफ दायर याचिका को खारिज किया जाना चाहिए।