लखनऊ: यूपी में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या और बढ़ रही है। बुधवार को दो और पॉजिटिव केस मिले हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लोगों को इस वायरस से बचाव और जागरूक करने के लिए युद्ध स्तर पर जुट गई है। इसी क्रम में लखनऊ में बुधवार को प्रदेश सरकार के तीन वर्ष पूरे होने के अवसर पर लोक भवन में आयोजित कार्यक्रम में जाते समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद थर्मल स्क्रीनिंग कराई। आयोजन स्थल पहुंचे सभी मंत्रियों और अफसरों की भी थर्मल स्क्रीनिंग की गई।
उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के तीन वर्ष पूरे होने के अवसर पर लखनऊ स्थित लोक भवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। इस दौरान कार्यक्रम में कम लोगों को आने की सलाह दी गई थी। कार्यक्रम में कोरोना वायरस से बचाव के पूरे इंतजाम किये गए थे। सभी आगंतुकों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही थी। यहां तक की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी थर्मल स्क्रीनिंग की गई। थर्मल स्क्रीनिंग के बाद मुख्यमंत्री ने स्कैनर के बारे जानकारी भी ली| सीएम योगी के अलावा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उपमुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा, मुख्य सचिव आरके तिवारी आदि की भी थर्मल स्क्रीनिंग कराई गई।
जनता को भीड़भाड़ से बचने की सलाह
कोरोना वायरस से सजगता दिखाते हुए योगी सरकार ने कई अहम निर्णय किए हैं। जनता को भीड़भाड़ से बचने की लगातार सलाह के साथ सख्त कदम भी उठाए जा रहे हैं। अब तो सरकारी कर्मियों को भी सरकार वर्क फ्रॉम होम (घर से काम) की सुविधा देने जा रही है। मुख्य सचिव को इसकी व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं। वहीं, प्रदेश के सभी स्कूल-कॉलेज, शिक्षण संस्थान बंद करते हुए दो अप्रैल तक सभी परीक्षाएं (सीबीएसई और आइसीएसई छोड़कर) भी स्थगित कर दी हैं। इस अवधि में जनता दर्शन, समाधान दिवस, तहसील दिवस और धरना-प्रदर्शन पर भी रोक लगा दी गई है।
भाजपा का अभियान स्थगित
योगी सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर गुरुवार (19 मार्च) से प्रस्तावित भारतीय जनता पार्टी का अभियान स्थगित कर दिया गया है। प्रदेश महामंत्री व अभियान प्रभारी गोविंद नारायण शुक्ला ने बताया कि कोरोना वायरस से बचाव को 19 से 24 मार्च तक बूथ, सेक्टर स्तर तक आयोजित होने वाले सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए है। बता दें कि सुशासन के तीन वर्ष पर तीन चरणों में कार्यक्रम आयोजित होने थे। प्रथम चरण में 19 मार्च से ग्राम चौपाल का आयोजन प्रस्तावित था। हर प्रमुख पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि को पांच ग्राम गोद लेने को कहा गया था। इसके अलावा प्राथमिक विद्यालय स्तर पर शिक्षक-छात्र-अभिभावक सम्मेलन करने का कार्यक्रम था परंतु स्कूल कालेज बंद होने के बाद सम्मेलन पहले ही स्थगित हो गए थे।