फर्रुखाबाद:(राजेपुर) गंगा और रामगंगा इस समय अपने रूद्र रूप में है| देखते ही रोंगटे खड़े कर देने वाली दोनों नदियों के पानी की आवाज किसी की भी रूह कांपने के लिये काफी है| फिर भला उन लोगो का क्या जो दोनों नदियों की गोद में अपना आशियाना बनाये बैठे है| कुछ तो पूरी रात लालटेन और टार्च लिये चारपाई पर बैठ गाँव को चबाने के इरादे से वह रहे पानी को देखते ही रहते है| कुछ यही हाल है व्लाक राजेपुर के अल्हादादपुर भटौली का जो कटान से महज कुछ फिट की दूरी पर आ गया है | प्रशासन ने गाँव खाली करने का फरमान भी जारी कर दिया| लेकिन अभी गाँव के 500 लोग मौत के मुहाने पर है |
वर्तमान में गंगा के जलस्तर पर नजर डाले तो पता चलता है कि रविवार को नरौरा बांध से 84472 क्यूसेक पानी छोड़ा गया| गंगा का पानी 30 सेंटीमीटर बढ़ गया| जिससे गंगा का पानी अब 136 मीटर पर पंहुच गया| वही गाँव अल्हादादपुर भटौली को तबाह करने को तैयार रामगंगा में रविवार को 12211 क्यूसेक पानी छोड़ा गया| रामगंगा अभी 134 मीटर से नीचे वह रही है| सोमबार को जल स्तर और बढने की सम्भावना बतायी जा रही है| राम गंगा के उफान से मडैया, करनपुर दत्त, कछुआ गाडा, कुडरी सारंगपुर में भी संकट के बादल बने हुये है| सबसे जादा भयाभय स्थित अमृतपुर के गाँव अल्हादादपुर भटौली की है| जंहा रामगंगा महावीर पुत्र सियाराम के मकान से महज चंद फुट दूर ही वह रही है| बीते दिनों गाँव को खाली करने का फरमान भी जिलाधिकारी ने दिया था| लेकिन अभी तक गाँव खाली नही हुआ| जिससे गाँव के लगभग पांच सैकड़ा लोगो पर संकट के बादल बने हुये है|
तहसीलदार शेखआलम गीर ने बताया कि गाँव वालो के रहने की व्यवस्था प्राथमिक विधालय में की गयी है| कटान में बोरिया लगाने का शासन से आदेश नही है|