मिशन 2017 के लिये स्वामी प्रसाद मौर्या ने बनाया बहुजन लोकतांत्रिक मंच

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MAURYलखनऊ:पूर्व बसपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने नयी पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने बहुजन लोकतांत्रिक मंच नाम की पार्टी का गठन किया है। अपनी इस नयी पार्टी के साथ वह 2017 के विधान सभा चुनाव में उतरेंगे।

मौर्या ने सभी कयासों पर रविवार को विराम लगा दिया। उन्होंने बीएसपी का साथ छोड़ने के बाद आखिरकार अपनी नई पार्टी के नाम का ऐलान कर दिया। स्वामी प्रसाद मौर्या ने ‘बहुजन लोकतांत्रिक मंच’ का गठन कर दिया है। साथ ही आगामी विधान सभा चुनाव में पूरी तैयारी के साथ चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान भी मौर्या ने किया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुये बताया कि वह आगामी 22 जुलाई को रमाबाई अम्बेडकर मैदान में बड़ी रैली के साथ मिशन 2017 की शुरुआत करेंगे। मौर्या ने दावा किया है कि रैली में बसपा के कई नए चेहरे भी दिखाई देंगे। स्वामी प्रसाद मौर्या ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि वह यूपी चुनाव में कामयाबी के लिए सभी मंडलों में जाकर सभाएं करेंगे। जनता से सीधे मिलकर समीक्षा करेंगे।

गौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी से कुछ दिनों पहले अलग हो चुके स्वामी प्रसाद मौर्य ने मायावती पर जमकर आरोप लगाये थे। उसके बाद पिछले दिनों राजधानी में सम्मेलन कर शक्ति प्रदर्शन किया था। सम्मेलन के दौरान भी उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती पर जमकर हमला किया था। स्वामी ने जहां मायावती को भ्रष्टाचार की देवी और दौलत की बेटी करार दिया वहीं ये भी कहा था कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के सिद्धांतों और कांशीराम के विचारों की हत्या हो रही है। इतना ही नहीं स्वामी ने माया पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस उद्देश्य से कांशीराम ने बीएसपी का गठन किया था माया उनके उत्तारधिकारी के तौर पर उन उद्देश्यों को नीलाम कर रही हैं। जिस मिशन को कांशीराम बढ़ाते रहे, आज माया उनके विचारों की हत्या कर रही है। स्वामी यहीं नहीं रुके उन्होंने माया पर हमला बोलते हुए कहा की मेरे इस्तीफे के बाद माया ने कहा स्वामी गद्दार है। सही मायने में गद्दार कौन है माया अपने दामन में झांककर देखें, आप तो महागद्दार की नानी हैं जिन्होंने बाबा साहेब के मिशन को बेचा है।

इससे पहले जब माया पर आरोप लगाते हुये स्वामी प्रसाद मौर्या ने बसपा से अलग होने का ऐलान किया था तो तमाम कयास लगाये जा रहे थे। चर्चा थी कि वो समाजवादी पार्टी या बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। उनकी कर्मभूमि रायबरेली जिले में है इसलिये उनके कांग्रेस के तरफ़ झुकाव की भी चर्चा गरम हुयी। इन सभी कयासों पर आज मौर्या ने आखिरकार विराम लगा दिया। जब उन्होंने खुद अपनी पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया।