अतिक्रमण कर बना मंदिर हटा, पीपल गिरने से अफरा तफरी

Uncategorized

फर्रुखाबाद: नगर पालिका की लापरवाही से शहर के ज्यादातर नाले चोक होने की बजह से कई मोहल्ले समंदर का रूप पहले ही ले चुके थे। पहले तो पानी सिर्फ सड़कों पर था लेकिन अब पानी अधिक हो जाने से लोगों के घर के भीतर दस्तक दे दी है। चोक नाला खुलवाने के लिए नगर पालिका के साथ सिटी मजिस्ट्रेट व सीओ सिटी कई दिनों से शहर क्षेत्र के मोहल्ला अंगूरीबाग छावनी में नाले के ऊपर बने अवैध मकान हटवाकर नाला साफ करने की कार्यवाही करवा रहे हैं। मंगलवार को भी प्रातः से जेसीबी मशीन मोहल्ले में नाले की सफाई कर रही थी। तभी नाले पर बना पीपलेश्वर मंदिर आढ़े आ गया। मंदिर में विशाल व पुराना पीपल खड़ा था। जिसको हटवाते समय अचानक पूरा मंदिर पीपल के साथ ही लोगों के ऊपर गिरने लगा। जिससे मौके पर खड़े लोगों में अफरा तफरी मच गयी।

वैसे तो कुछ दिन पूर्व नगर पालिका के ईओ आर डी बाजपेयी ने नाला साफ कराये जाने की बात को लेकर पल्ला झाड़ लिया था और नाला चोक होने की जिम्मेदारी पूर्व ईओ पर डाल दी थी। बजट न होने की दुहाई देकर नाला साफ कराने की बात पर हाथ खड़े कर दिये और कहा कि चुनाव में नगर पालिका कर्मचारी कार्य नहीं कर पाये। नगर पालिका की लापरवाही से सारे नाले चोक हो गये। उसका खामियाजा अब आम जनता के साथ-साथ प्रशासन को भी भुगतना पड़ रहा है। गरीबों के मकान टूटे ही, बिजली व्यवस्था भी पीपल गिरने से ध्वस्त हो गयी।

सिटी मजिस्ट्रेट मनोज कुमार व सीओ सिटी विनोद कुमार से पहले ईओ नगर पालिका आर डी बाजपेयी ने छावनी में नाले पर बने महाकाल पीपलेश्वर नाथ मंदिर में जेसीबी द्वारा हटवाने की बात कही। जिसको लेकर वहां मौजूद महाकाल मंदिर के पुजारी रमेशचन्द्र कुशवाह व पीपलेश्वर मंदिर के पुजारी अजय श्रीवास्तव ईओ से भिड़ गये और मंदिर न तोड़ने की बात कही। ईओ ने कहा कि मंदिर आप लोग स्वतः हटा लें। जिस पर पुजारियों ने हामी नहीं भरी और मामला तूल पकड़ गया। इसके बाद मामले की जानकारी सीओ सिटी को दी गयी। लेकिन सीओ सिटी के समझाने पर भी लोग जब नहीं माने तो सिटी मजिस्ट्रेट मनोज कुमार मौके पर पहुंचे और लोगों को पुनः नाला साफ होने के बाद मंदिर स्थापना कराने का आश्वासन दिया। जिसके बाद मंदिर में रखीं गोरखनाथ, भैरोंनाथ, दुर्गा जी व हनुमान जी की मूर्तियां नगर पालिका के कर्मचारियों द्वारा हटा दीं गयीं। मूर्तियां हटाने में कई मूर्तियां खण्डित भी हो गयीं। जिसको लेकर आम जनता में काफी रोष व्याप्त हो गया। मंदिर की मूर्तियां हटाने के बाद जैसे ही जेसीबी मंदिर को गिराने के लिए आगे बढ़ी तो उससे पहले ही अनायास पूरा मंदिर पीपल सहित भरभराकर गिरने लगा। जिसको देखकर मौके पर खड़े तमाशवीनों में अफरा तफरी मच गयी। पीपल के गिरते ही विद्युत पोल भी हिल गये। पीपल गिरने के बाद एक बड़ी समस्या प्रशासन के सामने आ गयी कि पीपल के मलवे को हटाया कैसे जाये।

जिसके बाद मौके पर आरा मशीन कारीगर बुलाये गये। जिनके द्वारा पीपल काटा गया। लेकिन देर शाम तक नाले का पानी निकालने में नगर पालिका को कामयाबी नहीं मिल पायी।