सचिव तक पहुचाने को 1000 रुपये घूस के होते तो 6 दिन पहले गेंहू तुल जाता- विधवा किसान

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फर्रुखाबाद: 42 डिग्री तापमान में 6 दिन से आलू मंडी में गेंहू तुलाने को बैठी है विधवा सुमन| राजेपुर ब्लाक के सवासी गाँव की सुमन और उसका भतीजा 1 ट्राली गेंहू बेचने के लिए मंडी में डेरा डाले है| पहले 1250 रुपये की बात कह खरीद केंद्र के इंचाज ने गेंहू उतरवा लिया, तौल कराने की पर्ची भी दे दी मगर उसके बाद 1000/- घूस न देने पर न केवल पर्ची फाड़ दी बल्कि नगद घूस के एवज में गेंहू का भाव 1000 /- प्रति कुंतल से तौल कराने पर अड़ गया| मंडी सचिव अब सपाई हो गए है| उनका क्या कोई उखड़ेगा| किसान इसी मंडी में रो पीट कर सरकारी घूसखोर कुत्तो से खुद को नुचवा कर बेबस वापस चला जायेगा| फिर खाद के लिए लाठिया खायेगा, गेंहू बोएगा और अलगी साल फिर कोई सुमन जेठ की तपती दुपहरी में यहाँ बैठी नजर आएगी| क्या माया राज और क्या अखिलेश राज किसान के लिए कुछ नहीं बदला|

सातनपुर स्थित मंडी में कई किसान पिछले 6-6 से गेंहू बेचने के लिए इन्तजार कर रहे है| इस बीच ऐसा नहीं कि गेंहू की खरीद नहीं हो रही| गेंहू तो तुल रहा है मगर उसका जो प्रति ट्राली 1000/- रुपये की घूंस का भुगतान कर रहा है| इस घूस की वसूली खाकी वर्दीधारी कर रहे है| ये खाकी वर्दी वाले साहब के सुरक्षा कर्मी है| साहब अब घूस की रकम सीधे नहीं लेते इन खाकी वर्दी वालों से वसूल कराते है| ग्राम सवासी के संजीव पुत्र सूरजपाल यादव भी पिछले 6 दिन से 1000 रुपये घूस के न होने के कारण सरकारी गेंहू खरीद केंद्र पर गेंहू तुलवाने से मरहूम है| संजीव ने बताया कि सहकारी समिति के खरीद केंद्र के सुरेन्द्र सिंह ने पहले गेंहू उतरवाया उसके बाद आज तक गेंहू नहीं तुला|

इस विषय में जेएनआई से वार्ता के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट भगवानदीन वर्मा ने पहले तो सचिव के पीआरडी जवान के द्वारा ट्रैक्टर चालकों से 1000 से 1500 रुपये लेने की बात पर यकीन नहीं किया। लेकिन जब उन्हें एक पीड़ित व्यक्ति की आडियो सुनायी तो सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि जब पुलिस ही ऐसा करेगी तो भरोसा किस पर किया जाये। सचिव धर्मेन्द्र यादव को इस पर कार्यवाही करनी चाहिए।