डेस्क:अयोध्या में भक्तों में नव्य, भव्य और दिव्य मंदिर में विराजे ‘बालकराम’ को निहारने की ललक के आगे पीएम, सीएम और ट्रस्ट की अपील गौण हो गई। वातावरण ऐसा, मानो भक्तों की भीड़ पांच शताब्दियों की प्रतीक्षा एक ही दिवस में पूरी कर लेना चाहती हो।सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न होने के पश्चात सुरक्षाकर्मी सांस भी नहीं ले पाए थे कि रामलला के दर्शनों को उमड़े भक्तों ने प्रशासन के सारे अनुमान ध्वस्त कर दिए। सोमवार शाम से प्रारंभ हुआ दर्शन का क्रम मंगलवार को कपाट बंद होने तक अनवरत रहा। मंगलवार दोपहर तक ढाई लाख लोग रामलला के दर्शन कर चुके थे।
रामभक्तों की अप्रत्याशित भीड़ ने शासन को भी चिंता में डाल दिया तो भीड़ नियंत्रण प्रबंधों की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी रामनगरी पहुंचना पड़ा। उन्होंने हवाई सर्वे कर व्यवस्थाएं देखीं तथा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये।
प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद एवं पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार यहां पहले से ही कैंप कर रहे हैं। दोनों वरिष्ठ अधिकारियों को स्वयं दर्शन व्यवस्था की कमान संभालनी पड़ी। दोनों अधिकारी गर्भगृह के समक्ष गूढ़मंडप में खड़े होकर दर्शनार्थियों को नियंत्रित करते रहे। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव संपन्न कराने के लिए अन्य जिलों से आई अतिरिक्त फोर्स को भी रोक लिया गया है। मंगलवार को जब मंदिर के पट खुले तो परिसर के बाहर का दृश्य चौंकाने वाला था। लाखों श्रद्धालु रामलला की देहरी पर खड़े थे। उल्लास से परिपूर्ण रामभक्तों को रोकने के लिए सुरक्षाकर्मी दिन भर मेहनत करते रहे।