फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) परिवार नियोजन , टीकाकरण, प्रजनन,मातृ, नवजात शिशु व अन्य स्वास्थ्य सेवाओं में आशा एएनएम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है इसी को लेकर ज़िले में नवनियुक्त 25 एएनएम का 12 दिवसीय प्रशिक्षण एएनएम ट्रैनिंग सेंटर में 2जनवरी से शुरु हुआ यह प्रशिक्षण शिविर 13 जनवरी तक चलेगा l
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० अवनीन्द्र कुमार ने बताया कि जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं को सही तरीके से आम आदमी तक पहुंचाने में आशा एएनएम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है| सीएमओ ने कहा कि जो 25 एएनएम नियुक्त की गईं हैं उनको स्वास्थ्य केन्द्रों पर नियुक्त किया जा चुका है l इस प्रशिक्षण के माध्यम से नवनियुक्त एएनएम समुदाय को स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर ढंग से दे सकेंगी | अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० दलवीर सिंह ने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान परिवार नियोजन के साधनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई जिससे एएनएम अपने क्षेत्र में जाकर लोगों को परिवार नियोजन उनके लिए क्यों जरूरी है समझा सकें l साथ ही कहा कि आज का सेशन परिवार नियोजन और प्रजनन स्वास्थ्य पर आधारित रहा|
प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता अतुल गुप्ता ने प्रशिक्षण देते हुए कहा कि हमारे लिए मातृ स्वास्थ्य बहुत जरूरी है अगर मां स्वस्थ होगी तो स्वस्थ भविष्य को जन्म देगी | अतुल ने बताया कि ज़िले के स्वास्थ्य केन्द्रों पर हर माह की 9 तारीख़ को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान मनाया जाता है, और माह की 24 तारीख़ को एफ आर यू सीएचसी कमालगंज,राजेपुर,कायमगंज और डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय महिला में विस्तारित प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान मनाया जाता है इस दिन गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच कर उचित दवा और सलाह दी जाती है l इस कार्य में एएनएम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है| यूपीटीएसयू के जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने परिवार नियोजन के साधनों पर एएनएम को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिस तरह से मनुष्य के लिए सांस लेना जरूरी है उसी तरह से परिवार नियोजन के साधनों का भी उनके जीवन में बहुत बड़ा महत्व है| जितना छोटा परिवार होगा उतना ही परिवार स्वस्थ और खुशहाल होगा l परिवार नियोजन के अब तो कई आधुनिक साधन आ गए हैं। बॉस्केट ऑफ च्वाइस में से मनपसंद के साधन अपना सकते हैं| डीएफपीएस ने बताया कि अंतरा एक गर्भनिरोधक इंजेक्शन है, जिसका असर तीन महीने तक होता है। इसका इस्तेमाल करने से लोग अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाते हैं। साथ ही अस्थाई साधन के रुप में कापर टी, छाया, कंडोम आदि का प्रयोग कर अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं। स्थाई साधन के रुप में जिन लोगों को और बच्चे नहीं चाहिए और परिवार पूर्ण हो गया है वह महिला नसबंदी और पुरुष नसबंदी को चुन सकते हैं| डीएफपीएस ने बताया कि दो बच्चों के बीच तीन साल का अंतराल जरूरी होता है।जिससे जच्चा और बच्चा, दोनों स्वस्थ रहता है। डीपीएम कंचन बाला, डीसीपीएम रणविजय प्रताप सिंह मास्टर ट्रेनर डॉ विकास पटेल डॉ कृतिका, आरती, यूपी टीएसयू से सम्मो बेगम, डॉ० कृति आदि रहे|