संस्कारों को जिंदा रखती है श्रीराम कथा

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फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) शनिवार को सेन्ट्रल जेल में श्रीराम कथा का सात दिवसीय शुभारम्भ हुआ| इसके बाद अधिकारियों और बंदियों  ने श्रीराम कथा का रसपान किया| कथा व्यास नें कहा की वर्तमान में बड़ी-बड़ी सड़कों व सुंदर भवनों का तो निर्माण हो रहा लेकिन संस्कार नष्ट होते जा रहे है| लिहाजा संस्कारों को बचाने के लिए राम कथा जरूरी है|
कारागार के सभागार में आयोजित कथा में श्री कृष्ण कुंज गौ सेवा ट्रस्ट गाजियाबाद के कथाव्यास राघवेन्द्राचार्य महाराज एवं उनके सहयोगी आचार्य  अरूण गौसेवा द्वारा वैदिक मत्रोंच्चार कर कलश स्थापना की स्थापना की गयी। वरिष्ठ जेल अधीक्षक श्री प्रमोद शुक्ल द्वारा श्री रामचरित मानस का पूजन अर्चन एवं आरती की गयी। कथा व्यास राघवेन्द्राचार्य जी महाराज ने व्यास पीठ के माध्यम से श्री राम कथा के महात्मय, मंगला चरण तथा गुरू की महिमा का वर्णन किया गया। उन्होंने संस्कारों के लिए जीवन में श्रीराम कथा का महत्व भी बताया| उन्होंने कहा कि का वर्णन जितना किया जाये उतना कम ही है| श्रीराम से जादा उनके नाम पर प्रताप है| तभी तो उनका नाम उल्टा लेनें वाले भी तर गये| कथा के मध्य एवं विश्राम पर आचार्य के साथ पधारे संगीतकार मुन्ना, दीनानाथ व  महेशदास  द्वारा भजनों एवं श्रीराम की आरती पर वाद्य यन्त्रों के माध्यम से मनमोहक प्रस्तुतियॉ दी गई, जिसे सुनकर कारागार के अधिकारी, कर्मचारी व बंदी भाव विभोर हो गये। कारापाल बद्री प्रसाद, उपकारापाल  शेषनाथ यादव, ओमप्रकाश आर्या,  जयदीप त्रिवेदी, योग प्रशिक्षक राम कृपाल मिश्र आदि रहे|