फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) सोमवार को बुलडोजर आनें की आहट को लेकर व्यापारियों में खलबली है| लिहाजा उन्होंने बड़े नुकसान से बचने के लिए खुद की अपनी दुकानें तोड़नी शुरू कर दी| लेकिन अभी तक टाइम सेंटर में खट्ट की आबाज तक नही आयी| वह प्रशासन को खुली चुनौती दे रहा है| दुकान तोड़ रहे व्यापारियों को कम से कम टाइम सेंटर से यह सीखना चाहिए की अतिक्रमण में कैसे भवन बनाया जाए और उसे बुलडोजर से कैसे बचाया जाये!
रविवार को सरकारी बंदी थी| जिसके चलते व्यापारी अवकाश पर थे लिहाजा उन्होंने सोमवार को आनें वाले बुलडोजर के भय से रविवार सुबह से ही अपनें अतिक्रमण पर हथौड़ा चलाना शुरू कर दिया| सुबह के बाद जैसे-जैसे सूरज की तपिश बढ़ी वैसे-वैसे ही लोग मुसीबत के पसीने में सराबोर नजर आये| हथौड़ा चला रहे अधिकतर व्यापारियों को यह कहते सुना गया की मैडम! को कानून सभी के लिए के एक सा ही रखना चाहिए| चौक पर जाम किससे लगता है यह भी सभी को पता है| यह बात पालिका भी जानती है और प्रशासन भी लेकिन हर सरकार में हर अतिक्रमण अभियान में अकेले टाइम सेंटर पर ही कृपा क्यों बरसती है! जबकि शहर के जनप्रतिनिधियों को भी सबसे ज्यादा समस्या दिन में कई-कई बार चौक के जाम में फंसने से होती है| लेकिन इसके बाद भी गगनचुंबी इमारत पर उनके आशीर्वाद का पंचामृत चढता रहता है| उन्हें इतना समय भी दे दिया जाता है कि वह कागजी कार्यवाही कर जिला प्रशासन के रास्ते में अबरोध पैदा कर सके| जिसमे खुद पालिका की लापरवाही की अहम भूमि इतिहास के पन्नो में दर्ज है| नाले के ऊपर बना गगनचुंबी भवन (टाइम सेंटर) एक दिन में तो बन नही गया| उस पर ना जाने कितने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के आशीर्वाद का सीमेंट लगाया गया| तब यह इमारत बनकर खड़ी हो सकी| अब यदि योगी सरकार में भी अतिक्रमण पर बनी इमारत पर बुलडोजर नही चला तो फिर जिम्मेदार अपने को सर्वश्रेठ ना कहें| फिलहाल आम व्यापारी पूरे दिन अपने अतिक्रमण को हटानें में लगा रहा| अब देखना है कि जिला प्रशासन टाइम सेंटर के कागज की क्या काट लाता है|