केशव देव मौर्य का आरोप, बोले सपा ने हमारी पार्टी का नहीं किया सही प्रयोग

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करने वाले महान दल के नेता केशव देव मौर्य ने परिणाम आने के बाद समाजवादी पार्टी पर ही हार का ठीकरा फोड़ दिया है। केशव देव मौर्य ने साफ कहा कि समाजवादी पार्टी ने हमारा सही इस्तेमाल नहीं किया। वह तो स्वामी प्रसाद मौर्य पर अधिक भरोसा करते रहे, जिनको भाजपा ने ही रणनीति के तहत समाजवादी पार्टी में भेजा था।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी ने छोटे दलों के साथ गठबंधन किया था। इन्हीं में से एक महान दल के नेता केशव देव मौर्य ने समाजवादी पार्टी पर अनदेखी का गंभीर आरोप लगाया है। केशव देव मौर्य की पार्टी का एक भी प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं उतरा। इसके बाद भी वह कह रहे हैं कि समाजवादी पार्टी ने हमारी पार्टी का सही इस्तेमाल नहीं किया है। इसके साथ ही हमको लगता है कि भाजपा और बसपा का अंदरूनी गठबंधन था।
केशव देव मौर्य ने कहा कि महान दल का सारा वोट पूरी तरह से समाजवादी पार्टी में शिफ्ट नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि जनता ने महान दल को जितना समर्थन दिया, वो वोट के रूप में ट्रांसफर नहीं हुआ। अगर हम अधिक जगह पर प्रचार करने जाते तो मामला सुधर सकता था। मौर्य ने कहा कि प्रचार के लिए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर को हेलिकाप्टर उपलब्ध कराया गया, जबकि हमको नहीं मिला।
केशव देव मौर्य ने कहा कि मैं लगातार समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों से कहता रहा आप रैली कराओ, आप हमारे कार्यकर्ताओं का इस्तेमाल करो, लेकिन उन्होंने सही से इस्तेमाल नहीं किया। वह सभी लोग स्वामी प्रसाद मौर्य के आने से आश्वस्त हो गए थे। स्वामी प्रसाद मौर्य नेता हैं, उनका दो-चार जिलों में प्रभाव हो सकता है, लेकिन पूरे उत्तर प्रदेश में प्रभाव नहीं था। शायद अखिलेश यादव को पता नहीं है कि महान दल का संगठन नीचे तक है। एसपी के प्रत्याशियों ने उसका इस्तेमाल नहीं किया। व्यस्तता के कारण उस दौरान मेरी अखिलेश यादव जी से मुलाकात नहीं हो पाई। इतना ही नहीं, केशव देव मौर्य ने तो स्वामी प्रसाद मौर्य की भूमिका पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की आशंका है कि स्वामी प्रसाद मौर्य का समाजवादी पार्टी में आना भी भारतीय जनता पार्टी की रणनीति हो सकती है। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन को 273 और एसपी गठबंधन को 125 सीटें मिली हैं।