शासन का दावा, मगर प्रशासन का होमवर्क फेल

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फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) विधान सभा चुनाव का बिगुल बजते ही शासन-प्रशासन नें निष्पक्ष और शांति पूर्ण चुनाव करानें के लिए भले ही पूरी तैयारी कर ली हो| मगर जनपद में यह कवायत अभी पूरी करनें में समय लग सकता है|  प्रदेश के चुनाव सेल प्रभारी एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार भले ही चुनाव में हर तरह की गडबडी रोंकने के लिए पूरी तैयारी की बात कह रहें है|  उनका दावा की जेल में निरुद्ध अपराधी भी अब किसी भी तरह से मतदान को प्रभावित नही कर सकेंगे| मगर जनपद में अपराध नियन्त्रण के लिए प्रमुख स्थानों पर लगाये गये सीसीटीवी कैमरे कागजों में चल रहे है| जिले की जेलों में जैमर की कोई व्यवस्था ही नही है| अपराध नियंत्रण के लिए अपराधी का सुराग व उसके खिलाफ साक्ष्य बेहद अवश्यक हैं| आधुनिक दौर जिसके लिए सीसीटीवी कैमरे महत्वपूर्ण कड़ी साबित होते है| जनपद पुलिस नें इस नजरिये से  लगभग एक दशक पूर्व सीसीटीवी कैमरे लगानें की शुरुआत की थी|  लेकिन लम्बा समय गुजर जानें के बाद भी इस तरह की सुबिधा बढ़ाने की बात तो दूर जो व्यवस्था शुरू की गयी थी वह ठप्प पड़ गयी है|
यूँ तो पुलिस के आलाधिकारी से लेकर सिपाही तक वारदात के बाद हर व्यक्ति को सीसी कैमरे लगवाने की सुझाव व हिदायत देते हुए मिल जायेगें| लेकिन पुलिस ने अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए शहर के लगभग चार महत्वपूर्ण  स्थानों सेन्ट्रल जेल चौराहा, फतेहगढ़ चौराहा, लाल दरवाजा, पांचाल घाट पर सीसीटीवी कैमरे लाखों के बजट से लगवाये थे| जिनका कारगर उपयोग होना दूर की बात है कैमरे ही अपनी जगह से नदारद हो गये है| पुलिस जब पुलिस जब कभी बैंको, बस अड्डों, रेलवे स्टेशन से गुजरती है तो हर जगह वह सीसी कैमरे के फायदे और उनकी महत्ता का ज्ञान देंने से नही चुकती है| जनपद में कई महात्वपूर्ण  स्थान है जहाँ पर सीसीटीवी कैमरे अति महत्वपूर्ण है| जिला जेल चौराहा, भोलेपुर, आवास विकास, मसेनी चौराहा, चौक बाजार आदि जहाँ पर सीसी कैमरे लगाये जानें चाहिए| अपराधियों पर शिंकजा कसने के लिए जी तोड़ मेहनत की दुहाई देंने वाली पुलिस संसाधनो का आभाव बताकर जुम्मेदारी से बचने का काम कर रही है| विधान सभा चुनाव का बिगुल बज चुका है|  चुनाव में अलग-अलग पार्टियों के नेताओं की चुनावी जमाबाड़ा भी तय है| जिले में चार विधान सभा है| चुनाव में राजनैतिक पार्टियाँ तरह-तरह के हथकंडे अपनाती है| जिससे रोंकने के लिए मतदान के दौरान सीमाएं सील किये जानें की व्यवस्था की जाती है| यदि इसके बाबजूद भी जुगाड़ से घुसपैठ की सम्भावना बनी रहती है| यदि चिन्हित स्थानों पर सीसीटीवी कैमरें संचालित हो जायें तो घटना के दौरान अपराधियों तक पुलिस को पंहुचने में आसानी होगी| एडीजी प्रशांत कुमार ने  लखनऊ में मीडिया को जानकारी दी कि जेलों में बंद इसे सभी अपराधियों की सूची तैयार कर ली गयी है जो मतदान को प्रभावित कर सकते है|
कार्यवाहक डीआईजी/वरिष्ठ जेल अधीक्षक सेन्ट्रल जेल  प्रमोद शुक्ला नें बताया कि जिले की दोनों जेलों में जैमर की कोई व्यवस्था नही| सेन्ट्रल जेल में 34 कैमरे व दो दर्जन सीसीटीवी जिला जेल में संचालित है| सेन्ट्रल जेल में 90 बंदी हाई सिक्योरिटी जोंन में है| जिन पर मतदान को देखते हुए कड़ी नजर रखी जा रही है| इनमे 15 कैदियों को मतदान प्रभावित करनें की श्रेणी में रखा गया है| जिनकी चौकसी बढाई गयी है| पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने बताया कि चुनाव को देखते हुए सभी संवेदनशील मुद्दों पर विशेष नजर रखी जा रही है| जेल से रिहा होनें वाले अपराधियों की गतिविधियों पर भी शिकंजा कसने की कवायत शुरू हो चुकी है| एक सबाल के जबाब में उन्होंने कहा कि शहर के लगे सीसीटीवी कैमरे जल्द ही ठीक करानें का प्रयास किया जायेगा| जेलों में जैमर लगवाने की प्रक्रिया चालू करानें के लिए सम्बन्धित अधिकारियों से वार्ता की जायेगी|