विशेष संयोग में घर घर विराजे गणपति बप्पा

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फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है इस वर्ष चतुर्थी तिथि गुरुवार की रात्रि 12:18 से प्रारंभ होकर आज शुक्रवार को रात्रि में 9:57 तक है शुभ मुहूर्त में शुक्रवार घर घर में श्री जी विराजे गए।
जनपद में शुक्रवार सुबह से ही गणेश चतुर्थी का उत्साह ही छाया हुआ है। लाेग अपने परिवार के साथ गणेशजी लेकर अपने घर पहुंचे। जहां विधिविधान से पूजा अर्चना करके गणेशजी की स्थापना की गई। शहर के गणेश मंदिराें में सुबह से ही भक्ताें की भीड़ लगी रही, मंदिर गणपति बप्पा माेरया के जयकाराें से गुंजायमान हाे गए।
गणेश जी प्रतिमा को स्थापित सुबह से ही बाजाराें में गणेश प्रतिमाएं लेने के लिए लाेगाें का पहुंचना शुरू हाे गया था। लाेग पूजा अर्चना करके गणेश जी की प्रतिमा काे लेकर घर पहुंचे। इसके बाद परिवार सहित विधिवत पूजा अर्चना कर आरती की गई और गणेश जी काे भाेग लगाया गया।  हालांकि इस बार प्रतिमाओं का आकार कुछ कम रखा गया है। लाेगाें ने यह भी ध्यान रखा है कि प्रतिमा 3 फुट से अधिक बड़ी न हो। वहीं जिला प्रशासन भी कड़ी नजर रखे रहा|  जिला प्रशासन के की सख्ती के चलते दुकानदार निराश  दिखे| उन्हें  पूर्वानुमान के हिसाब से मुनाफा नही हुआ|
मूर्ति स्थापना व पूजा विधिः
आचार्य प० सर्वेश कुमार शुक्ल के अनुसार गणेश प्रतिमा को पूर्व दिशा या ईशान कोण पर स्थापित करें। सबसे पहले उस स्थान को गंगाजल छिड़ककर पवित्र कर लें। सुबह स्नान के पश्चात शुद्ध वस्त्र धारण करें। एक चौकी रख कर उस पर लाल या हरे रंग का वस्त्र बिछाएं, भगवान गणेश की स्थापना से पहले उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं। गंगाजल से स्नान कराने के बाद चौकी पर गणेश प्रतिमा को स्थापित करें। रिद्धि-सिद्धि के रूप में प्रतिमा के दोनों ओर एक-एक सुपारी भी रखें। गणेश जी के स्थान के उलटे हाथ की तरफ जल से भरा हुआ कलश चावल या गेहूं के ऊपर स्थापित करें। धूप व अगरबत्ती लगाएं।
कलश के मुख पर मौली बांधें एवं आमपत्र के साथ एक नारियल उसके मुख पर रखें। पूजन के प्रारंभ में हाथ में अक्षत, जल एवं पुष्प लेकर स्वस्तिवाचन, गणेश ध्यान एवं समस्त देवताओं का स्मरण करें। अब अक्षत एवं पुष्प चौकी पर समर्पित करें। इसके पश्चात एक सुपारी में मौली लपेटकर चौकी पर थोड़े-से अक्षत रख उस पर वह सुपारी स्थापित करें। गणेश जी पर दूब, घास व गन्ना चढ़ाएं। गणेशजी की पूजा करने के लिए गणेश पुराण, गणेश चालीसा, गणेश स्तुति, श्रीगणेशसहस्रनामवली और गणेशजी की आरती करें और उनके प्रिय मोदक व लड्डू का भोग लगाएं। प्रसाद ग्रहण करें। नियमित समय पर रोजाना आरती करें। गणेश जी प्रतीक्षा करना कतई पसंद नहीं करते हैं। उन्हें समय पर प्रसाद और आरती से प्रसन्न करें।