लखनऊ:नौकरशाहों और नेताओं के लिए अपने पद पर रहते हुए अकूत संपदा जुटाना कोई नई बात नहीं है। ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां पद और प्रतिष्ठा का दुरुपयोग कर आय से कहीं अधिक संपत्ति जुटाने के मामले उजागर हो चुके हैं। इस कड़ी में अब सपा सरकार के एक और मंत्री का नाम भी जुड़ गया है। विजिलेंस ने सपा सरकार में मंत्री रहे मनोज पांडेय के विरुद्ध अपनी गोपनीय जांच पूरी की है, जिसमें उनके विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के साक्ष्य मिले हैं।
सूत्रों का कहना है कि पूर्व मंत्री मनोज के विरुद्ध अनुसूचित जाति के लोगों की जमीन नियमों को दरकिनार कर अपने नाम खरीदने का मामला भी है। विजिलेंस ने शासन से अब पूर्व मंत्री के विरुद्ध खुली जांच कराए जाने की सिफारिश की है। विजिलेंस की जांच के घेरे में सपा सरकार के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पहले से हैं। विजिलेंस गायत्री के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के मामले में एफआइआर भी दर्ज कर चुकी है। विजिलेंस की खुली जांच में गायत्री की आय से छह गुना अधिक संपत्ति के साथ करीब 21 बेनामी संपत्तियां सामने आईं थीं।
बताया गया कि पूर्व मंत्री मनोज पांडेय के विरुद्ध भी कई शिकायतें थीं, जिस पर शासन ने बीते दिनों विजिलेंस को उनके विरुद्ध गोपनीय जांच करने के निर्देश दिए थे। एक अधिकारी के अनुसार अनुसूचित जाति के किसी व्यक्ति की जमीन खरीदने के लिए जिलाधिकारी से विशेष अनुमति भी लेनी होती है। नियम विरुद्ध अनुसूचित जाति की जमीन को खरीदना भी आय से अधिक संपत्ति के दायरे में आता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शासन ने भ्रष्टाचार के मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कदम आगे बढ़ाए हैं। कई अधिकारियों व नेताओं के विरुद्ध पहले ही शिकंजा कसा जा चुका है। शासन की ओर से विजिलेंस की खुली जांच की अनुमति मिलने के बाद पूर्व मंत्री मनोज की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं।