लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार निजीकरण की आड़ में रोजगार खत्म कर रही है। इस कारण 15 लाख विद्युतकर्मी हड़ताल पर चले गए। यूपी सरकार को यह प्रस्ताव वापस ले। विद्युत क्षेत्र में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से ही गड़बड़ी होनी शुरू हो गई है। साढ़े तीन वर्षों में एक यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं हुआ। विद्युत आपूर्ति गांव में लगभग 10 घंटा और शहरों में 15 घंटा से ज्यादा कभी नहीं मिल पाई।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि भाजपा सरकार शासन चलाने के बजाय देश के साधनों-संसाधनों का बाजार लगा रही है। निजीकरण से वह युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों को बेचने में लगी है। इसके दुष्प्रभावों के बारे में भाजपा नहीं सोच रही है। उसे शासन चलाने में अपनी असफलता मान लेनी चाहिए। उसकी अपनी आर्थिक कुनीतियों के चलते अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। स्थिति उसके नियंत्रण में नहीं रह गई है। इसलिए वह जल्दी से जल्दी सरकारी सेवाओं को निजी हाथों में सौंप कर अपना राजनीतिक स्वार्थ साधन करते हुए बाहर निकलने का मौका चाहती है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार टोल, मंडी, आइटीआइ, पॉलीटेक्निक, सरकारी माल, हवाई अड्डा, रेल और बीमा कंपनियों के निजीकरण की दिशा में कदम उठा रही हैं। रेलवे अस्पतालों को बेचने के लिए टेंडर मांगे जा रहे हैं। सेवानिवृत्ति के बाद खाली पदों में 50 प्रतिशत पदों को समाप्त किए जाने का फैसला हो चुका है। सरकारी बैंकों की संख्या 12 से 5 करने की तैयारी है। सरकार बैंकों की हिस्सेदारी निजी क्षेत्र को बेचने की तैयारी कर रही है। देश में रोजगार की स्थिति पिछले 15 सालों में सबसे खराब है।
पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने सपा को सौंपा ज्ञापन : उत्तर प्रदेश पावर आफिसर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को संबोधित ज्ञापन राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी को सौंपा। ज्ञापन में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के सरकारी निर्णय की खिलाफत है। निजीकरण कभी उपभोक्ता हित में नहीं रहा। विभाग को इससे नुकसान ही हुआ है। आगरा में टोरंटो कंपनी को काम सौंपा गया तो लगभग 22 सौ करोड़ रुपये पुराना बिजली का बिल उसने दबाकर रख लिया है। प्रतिनिधिमंडल में कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के साथ उपाध्यक्ष एसपी सिंह, अतिरिक्त महासचिव अनिल कुमार, संगठन सचिव अजय कुमार तथा सचिव आरपी केन शामिल थे।