लखनऊ:(जेएनआई) उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को ध्वस्त बताते हुए लगातार योगी सरकार पर हमले कर रही कांग्रेस ने मंगलवार को इस मुद्दे पर प्रदर्शन किया। हुंकार तो राजभवन जाकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने की थी, लेकिन पहले से गेट पर मुस्तैद पुलिस बल ने नेहरू भवन यानी पार्टी मुख्यालय पर ही कांग्रेसियों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, ईको गार्डन ले जाकर शाम को सभी रिहा कर दिए गए।
कानपुर कांड को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन मंगलवार को पार्टी कार्यालय परिसर तक ही सिमटकर रह गया। हिरासत से छूटने के बाद यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जंगलराज चल रहा है। अपराधी और गुंडों को योगी सरकार का संस्थागत संरक्षण मिला है। उन्होंने कहा कि कभी ऐसा नहीं हुआ है कि राज्यपाल को ज्ञापन देने सौंपने जा रहे लोगों को गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार किया गया हो।
कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने कहा कि कानपुर में आठ पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की हुई हत्या के बाद सामने आ रहे तथ्यों से यह साफ हो गया है कि योगी सरकार में पुलिस और अपराधियों की संलिप्तता है। प्रदर्शन में पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, अनुसूचित जाति विभाग के प्रभारी प्रदीप नरवाल, विभाग के अध्यक्ष आलोक प्रसाद, उपाध्यक्ष तनुज पुनिया, पूर्व विधायक श्याम किशोर शुक्ल, विश्वविजय सिंह, मनोज यादव, प्रदेश प्रवक्ता अशोक सिंह, बृजेंद्र कुमार सिंह, डॉ. अनूप पटेल आदि शामिल थे।
दलित-पिछड़ा उत्पीड़न और हिंसा का हब बना उत्तर प्रदेश : प्रदर्शन से पहले पत्रकारों से बातचीत में यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि योगीराज के तीन वर्षों में प्रदेश दलित-पिछड़ा हिंसा, उत्पीड़न और दुष्कर्म का हब बन गया है। दलितों-पिछड़ों पर होने वाले अत्याचार में दिनों-दिन इजाफा हो रहा है। योगी मंत्रिमंडल और भाजपा में शामिल दलित-पिछड़े नेताओं-मंत्रियों की स्थिति नहीं है कि वे ऐसे उत्पीड़न के खिलाफ आवाज तक उठा सकें।