फर्रुखाबाद:(दीपक-शुक्ला) सहकारिता की राजनीति में इससे पूर्व यदि कोई नाम था वह छोटे सिंह यादव का नाम था| उन्हें सहकारिता की कुंजी भी कहा जाता था| बताते है कि छोटे सिंह यादव ने ही मुलायम सिंह को सहकारिता के गुर सिखाये थे| जिसके बाद वर्ष 1977 में मुलायम सिंह सहकारिता मंत्री बने थे| छोटे सिंह यादव की जड़ें सहकारिता की जमीन पर काफी भीतर तक थी| जिसे वमुश्किल भाजपा नें उखाड़ कर अपना अध्यक्ष काबिज कर दिया| या यूँ कहिये जिस चाबी से सहकारिता का ताला छोटे सिंह खोलने और बंद करने की बाजीगरी करते थे वह ताला ही भाजपा ने बदल दिया|
आंकड़ो के अनुसार दि डिस्ट्रिक कोआपरेटिव बैंक फतेहगढ़ का वर्ष 1956 में हुआ था| उसके बाद सहकारिता में छोटे सिंह नें एंट्री कर दी| कुछ वर्षो बाद 1967 में छोटे सिंह यादव पहली बार सहकारिता के अध्यक्ष बने| इसके बाद उनके ही परिवार के लोग कुर्सी पर चढ़ते और उतरते रहे| कभी खुद, कभी उनके पुत्र और कभी पुत्रवधू ने अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्ज़ा जमाए रहे| 10 जुलाई 2008 को शिव प्रताप शुक्ला प्रशासनिक के रूप में कुर्सी पर बैठे| वह 2 मार्च 2009 तक अध्यक्ष का दायित्व निर्वाहन करते रहे| इसके बाद पुन: छोटे सिंह यादव के पुत्र सुधीर कुमार अध्यक्ष 3 मार्च 2009 से 15 मार्च 2011 तक अध्यक्ष रहे| इसके बाद पुन: सुधीर 16 मार्च 2011 को अध्यक्ष बने और 28 जनवरी 2013 तक रहे|
तीसरी बार सुधीर फिर 29 जनवरी 2013 से 8 सितम्बर 2015 तक पुन: अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा जमाये रहे| 8 जुलाई 2015 को सुधीर यादव की रोडबेज से कुचलकर मौत हो गयी| जिसके बाद 9 जुलाई 2015 को अन्नपूर्णादेवी को अध्यक्ष बनाया गया| वह 21 सितम्बर तक अध्यक्ष रहीं| इसके बाद सुधीर की पत्नी व छोटे सिंह की पुत्र बधू मनोरमा देवी ने 22 सितम्बर 2015 ससुर व पति की कुर्सी संभाल ली| वह 11 अगस्त 2016 तक अध्यक्ष बनी रही| 12 अगस्त 2016 को सुनील चन्द्र श्रीवास्तव तत्कालीन उपमहा प्रबन्धक प्रशासनिक अध्यक्ष 28 सितम्बर 2016 तक रहे| 29 सितम्बर को मनोरमा यादव अध्यक्ष की कुर्सी पर फिर काबिज हुईं इस बार उसका कार्यकाल 7 दिसम्बर 2019 तक रहा और कार्यकाल समाप्त होनें के बाद जिलाधिकारी को अध्यक्ष व एआर फर्रुखाबाद व कन्नौज को सचिव बना दिया दिया गया| नियमावली के अनुसार 6 महीने के भीतर चुनाव हुआ और इस बार सहकारिता के बाजीगर छोटे सिंह की एक भी चाल नही चली और भाजपा के कुलदीप ने उन्हें आखिर शिख्स्त दे दी| 30 जून 2020 को भाजपा के कुलदीप गंगवार की अध्यक्ष पद पर ताजपोशी हो गयी| छोटे सिंह का 53 वर्ष पुराना अजेय गढ़ ढहा दिया गया|
बीते ढाई वर्षों से चल रहा है सह और मात का खेल
बीते लगभग ढाई वर्षों से सपा और भाजपा अपने-अपने तरीके से अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा जामने के लिए सह और मात का खेल खेलते चले आ रहे है| पूर्व सांसद पर पूर्व जिला महामंत्री भाजपा विमल कटियार की शिकायतों पर जांचे हुई| यह खुन्नस इतनी बढ़ी की दि फर्रुखाबाद डिस्ट्रिक कोआपरेटिव फतेहगढ़ में आयोजित हुई सामान्य निकाय की वार्षिक साधारण सभा में 3 फरवरी 2019 को जमकर मारपीट और तोड़फोड़ के हो गयी| जिसमे कई भाजपा और सपा समर्थक जख्मी भी हो गये| जिसमे दोनों तरफ से छोटे सिंह यादव, विमल कटियार वीरेंद्र कठेरिया आदि पर जबाबी मुकदमें लिखे गये| मुकदमा झेलने के बाद विमल को सहकारिता से किनारे कर दिया गया| जबकि कायमगंज से वीरेंद्र कठेरिया को डायरेक्टर का इनाम मिला|
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