लखनऊ: पशुधन विभाग के कैबिनेट मंत्री के निजी सचिव और राज्य मंत्री के कार्यालय में तैनात एक अधिकारी की मिलीभगत से करोड़ाेें का फर्जीवाड़ा हुआ है। विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर एक व्यापारी से नौ करोड़ रुपये हड़प लिए गए। इस फर्जीवाड़े में कुल 11 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है। इनमें एक मंत्री के निजी सचिव और कार्यालय में तैनात एक कर्मचारी भी शामिल है।
इंदौर के पूर्णिया कॉलोनी निवासी मंजित सिंह भाटिया उर्फ मिंकू को पशुधन विभाग में आटा आदि का ठेका दिलाने के नाम पर झांसा दिया गया था। आरोप है कि आशीष राय नाम के व्यक्ति ने खुद को विभाग का निदेशक एसके मित्तल बताकर मंजित से मुलाकात की थी। इस दौरान साजिश में पशुधन मंत्री के निजी सचिव धीरज कुमार, राज्यमंत्री पशुधन कार्यालय में तैनात उमेश मिश्र, संतोष मिश्र, एके राजीव, अनिल राय, फरीदाबाद अमेठी निवासी अमित मिश्र, कानपुर निवासी उमाशंकर तिवारी, राजधानी में रहने वाले रजनीश, डीबी सिंह और मुंबई निवासी अरुण राय शामिल थे।
आरोपितों ने गिरोह बनाकर मंजित को झांसे में लिया और सब्जबाग दिखाकर नौ करोड़ रुपये हड़प लिए। मामले की जानकारी शासन को हुई तो इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी गई। एसटीएफ ने छानबीन के दौरान मामले को सही पाया। इसके बाद मंजित की तहरीर पर हजरतगंज कोतवाली में शनिवार देर रात एफआइआर दर्ज की गई।
एक आरोपित पर दर्ज हैं कई मुकदमें
बताया जा रहा है कि आजमगढ़ निवासी अरुण राय वर्तमान में मुंबई में रहता है और उसके ऊपर कई अपराधिक मामले भी दर्ज हैं। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें गठित की गई हैं। माना जा रहा है कि प्रकरण की जांच में कई अन्य लोगों की भूमिका भी उजागर हो सकती है।