जेएनआई पर खास खबर: तिल-तिल जिन्दगी से जंग हार रही जिले की बेटी “हिना”

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फर्रुखाबाद:(कमालगंज) मै हूँ खुशरंग हिना-प्यारी खुशरंग हिना यह गाना वर्ष 1990 में आयी फिल्म हिना का है जो आज भी अक्सर हर किसी की जबान पर आ जाता है| जिसमे एक अभिनेत्री को खुशमिजाज दिखाया गया है| लेकिन अचानक उसके जीवन में नया मोड़ आता है और वह गाती है कब आओगे जिस्म से जानजुदा होगी तब आओगे, आजा रे देर ना हो जाए कही देर ना हो जाये| यही दर्द भरी कहानी जिले की बेटी हिना की है जिसकी जिन्दगी खुशरंग हिना से शुरू हुई थी और अब लगता है यदि जिम्मेदारों नें ध्यान नही दिया तो जिले की खुश रंग हिना के लिए देर ना हो जाये कही देर ना हो जाए|
हम आपको लिए चलते है जिले की खुशरंग हिना के घर| मूल रूप से आगरा के कोटाला के  रहने वाले श्रीकृष्ण की 20 वर्षीय पुत्री हिना का विवाह बीते  दिसम्बर 2018 को कमालगंज के ग्राम पसई नगला निवासी मजदूर पूरन लाल से हुआ था| नई जिन्दगी की उम्मीद लेकर ससुराल आयी हिना ने अपने और अपने परिवार के लिए डांस को रोजगार बनाया और बड़े-बड़े कार्यक्रमों में जाकर स्टेज पर डांस कर जो रूपये मिलते उससे हिना का परिवार अच्छे से चल रहा था|
बीते एक महीने पूर्व हिना के जीवन में काली रात आयी| हिना प्रोग्राम के लिए चित्रकूट मऊ टिकरा निवासी सुधीर पटेल के घर बीते 30 नबम्वर 2019 को गयी थी| जंहा एक युवक ने उसके जबड़े में तमंचे से गोली मारी दी| उसी दिन से हिना धीरे-धीरे मौत की तरफ केबल आर्थिक तंगी की वजह से बढ़ रही है| हंसने और लोगों को हंसाने वाली हिना आज विस्तर पर है| उसका जबड़ा चिकित्सकों नें निकाल दिया|
अब उसकी जमा पूंजी भी खर्च हो चुकी है| जेएनआई टीम नें हिना के घर जाकर बात की तो उसके पति पूरन नें बताया कि पैसे ना होनें से वह हिना का इलाज नही करा पा रहे| सरकार यदि बेटी बचाओं की बात करती है और यदि प्रदेश और जिले में कोई बेटी इलाज के आभाव में दम तोड़ेगी! तो यह सभी जिम्मेदारों पर सबालिया निशान होगा|(मुईद खान कमालगंज)