लखनऊ: हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की लखनऊ में शुक्रवार को हत्या के बाद से हाई अलर्ट पर उत्तर प्रदेश पुलिस की दर्जन से अधिक टीम में से एक यूपी एटीएस ने बरेली से मंगलवार को एक मौलाना को हिरासत में लिया है। इस मौलाना की संदिग्ध हरकतों पर एटीएस ने अपना शिकंजा कसा है। अब मौलाना से लखनऊ में पूछताछ की जाएगी।
कमलेश तिवारी की हत्या के आरोपितों के मददगार प्रेमनगर निवासी मौलाना कैफ़ी अली रिज़वी को बीती रात एक बजे लखनऊ से आई एसटीफ़ ने हिरासत में लिया। रात में ही टीम उसको लखनऊ ले गई। शुक्रवार रात को बरेली आए आरोपित मौलाना के घर कुछ देर रुके थे। लखनऊ में कमलेश तिवारी की हत्या के बाद आरोपितों की लोकेशन लखनऊ के बाद शाहजहांपुर, बरेली व मुरादाबाद के बाद अम्बाला मिलने की सूचना पर पुलिस की टीमें बेहद सक्रिय हैं। इस मामले में मंगलवार को यूपी एटीएस की टीम ने बरेली में मौलाना को हिरासत में लिया है। यह टीम इस मौलाना को लेकर लखनऊ के लिए रवाना हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार लखनऊ में 18 अक्टूबर को कमलेश तिवारी की हत्या करने के बाद दोनों आरोपी मौलाना से मिलने बरेली आए थे। मौलाना पर आरोपियों की मदद करने का आरोप है।
कमलेश तिवारी के हत्यारोपितों मोईनुद्दीन अहमद, शेख अशफाक हुसैन और उनके मददगारों की तलाश में बरेली मंडल में एसटीएफ व एटीएस ने ताबड़तोड़ छापेमारी की। यहां बरेली, पीलीभीत और शाहजहांपुर से सात युवकों को हिरासत में लिया गया है, जिसके बाद बाद यह साफ हो गया कि वारदात के बाद हत्यारोपित बरेली मंडल में ही थे। इन सात लोगों की मदद से लोकेशन बदलते रहे। रविवार को नेपाल भागने की कोशिश भी की थी, मगर सफलता नहीं मिली। दोनों हत्यारोपितों की सीसीटीवी फुटेज भी शाहजहांपुर में मिल गई है।
कातिलों से संपर्क में रहने वालों से हो रही पूछताछ
लखनऊ में हत्याकांड को अंजाम देने के बाद दोनों हत्यारोपित सूरत सिटी स्थित जिलानी अपार्टमेंट प्लांट नंबर 15-16 पद्मावती सोसायटी लिंबावत निवासी पठान मोईनुद्दीन अहमद और शेख अशफाक हुसैन बरेली की ओर भागे, इसकी जानकारी टीमों को मिल चुकी थी। सर्विलांस के जरिये पता चला कि दोनों आरोपित बरेली, पीलीभीत व शाहजहांपुर में कुछ लोगों के संपर्क में थे। इसके बाद रविवार रात से लेकर सोमवार दोपहर तक ताबड़तोड़ छापेमारी की गई, जिसमें बरेली से पांच व पीलीभीत से एक युवक को पकड़ा, शाहजहांपुर से एक कार चालक को हिरासत में लिया।
ठहरने तक का स्थानीय स्तर पर किया था इंतजाम
शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि शुक्रवार रात को दोनों हत्यारोपित बरेली आकर रुके थे। पांचों युवकों ने उनके रुकने, खाने-पीने का इंतजाम कराया। पीलीभीत के शेरपुर कला गांव से जिस युवक को पकड़ा गया, वह भी फोन पर लगातार संपर्क में बना हुआ था। शाहजहांपुर में जिस इनोवा कार चालक को पकड़ा गया, वह दोनों हत्यारोपितों को रविवार को पलिया (लखीमपुर खीरी) से रेलवे स्टेशन तक लेकर आया था।
रेलवे स्टेशन के पास सीसीटीवी फुटेज में दिखे दोनों
रविवार रात को शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन के पास लगे एक होटल के सीसीटीवी फुटेज में दोनों हत्यारोपित पैदल जाते हुए दिखाई दे रहे हैैं। एटीएस व एसटीएफ टीम ने सोमवार तड़के से दोपहर तक शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन के आसपास कई होटलों की सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो एक होटल के कैमरे में दोनों हत्यारोपित दिख गए। होटल मालिक व अन्य कई लोगों से पूछताछ हुई तो एक इनोवा कार चालक का नंबर मिला। उसे खुटार के पास एक जगह से पकड़ा गया।
नेपाल बार्डर के करीब पहुंच चुके थे दोनों आरोपित
कार चालक को हिरासत में लेने के बाद पता चला कि रविवार को दोनों आरोपित पलिया में मिले थे। वहीं से दोनों ने कार नेपाल बॉर्डर तक ले जाने के लिए बुक की। वहां पहुंचते-पहुंचते शाम के सात बज चुके थे इसलिए बॉर्डर बंद हो गया। इस पर कार चालक उन दोनों को लेकर रात में शाहजहांपुर तक आया और उतार दिया। रात बारह बजे वे दोनों स्टेशन के पास पैदल गुजर रहे थे, जिसकी फुटेज कैमरे में कैद हो गई। शाहजहांपुर से दोनों आरोपित कहां गए, इस बाबत टीमें पता करने में जुटी हैं।
तस्वीर भी जारी की गई
कमलेश तिवारी की हत्या को अंजाम देने के दोनों मुख्य आरोपी शेख अशफाक हुसैन और पठान मोइनुद्दीन अहमद उर्फ फरीद पुलिस गिरफ्त से दूर हैं। अब पुलिस इनको मदद देने वालों पर अपना शिकंजा कस रही है। इसी कारण दोनों पर ढाई-ढाई लाख रुपया इनाम घोषित किया गया है। दोनों मुख्य आरोपी शेख अशफाक हुसैन और पठान मोइनुद्दीन अहमद की तस्वीरें भी पुलिस ने सोमवार शाम को जारी की थीं। कमलेश हत्याकांड के दोनों आरोपियों अशफाक व मोइनुद्दीन पठान को पकडऩे वाले को ढाई-ढाई लाख का इनाम दिया जाएगा।