धरने पर बैठीं प्रियंका गांधी, कहा- सोनभद्र के पीड़ितों से मिले बिना नहीं जाऊंगी

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मीरजापुर/मिर्जापुर:सोनभद्र में नरसंहार के पीडितों से मिलने जा रहीं प्रियंका गांधी को शुक्रवार की दोपहर मिर्जापुर जिला प्रशासन ने हिरासत में ले लिया। इससे पूर्व वाराणसी ट्रामा सेंटर से प्रियंका का काफ‍िला जैसे ही मिर्जापुर के रास्‍ते सोनभद्र रवाना हुआ वैसे ही नारायणपुर के पास उनको रोक दिया गया।
रोके जाने के विरोध में प्रियंका गांधी और कांग्रेसी नेता मौके पर ही धरने पर बैठ गए। वहीं प्रियंका को हिरासत में लिए जाने की जानकारी होने के बाद पूर्वांचल में सियासी सरगर्मी भी बढ़ गई है। जबकि प्रियंका सोनभद्र जाने को लेकर डाक बंगले में भी अड़ी हुर्इ हैं।
सोनभद्र जाने पर अड़ीं प्रियंका
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी दोपहर बाद भी सोनभद्र में पीड़ितों से मिलने के लिए अड़ी हुई हैं। चुनार डाक बंगले में ही पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी समेत कुछ पार्टी पदाधिकारियों के साथ मौजूद हैं। प्रियंका का कहना है कि वह कुछ लोगों के साथ ही सही, लेकिन पीड़ितों से मिलने जरूर जाएंगी। वहां पहुंचे जिलाधिकारी अनुराग पटेल, पुलिस अधीक्षक अवधेश पांडेय, एसडीएम सत्य प्रकाश सिंह उन्हें सोनभद्र न जाने के लिए मनाने में जुटे हैं। वहीं डाक बंगले के बाहर कार्यकर्ताओं का भारी जमावड़ा भी शुरु हो गया है। प्रशासन ने मौके पर भारी भीड़ को देखते हुए गेस्ट हाउस के प्रवेश द्वार को बंद कर दिया है। गेट पर ही कांग्रेस कार्यकर्ता सरकार के विरोध में नारेबाजी कर रहे हैं। दिन भर हाईवोल्‍टेज सियासी ड्रामे के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा चुनार गेस्ट हाउस से शाम को बाहर आईं और यहां पहुंची महिलाओं के ग्रुप से जमीन पर बैठ कर हालचाल भी लिया।इससे पूर्व दिन में सोनभद्र जाने से रोकने पर प्रियंका गांधी के सड़क पर ही धरना शुरु करने की सूचना के बाद प्रशासन के माथे पर बल पड़ गया और आला अधिकारियों की सक्रियता बढ़ गई। पुलिस प्रशासन प्रियंका संग कांग्रेसियों को निषेधाज्ञा लागू होने की जानकारी देकर धरना खत्म कराने के लिए मनाने में जुटा रहा। वहीं जानकारी होने के बाद मौके पर कांग्रेसियों का जमावड़ा भी शुुरु हाे गया, जबकि कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए दोपहर 12 बजे एसडीएम चुनार की गाड़ी पर हिरासत में लेकर प्रियंका गांधी को धरना स्थल से हटाया गया। हिरासत में लेने के बाद उनको मीरजापुर जिला प्रशासन ने चुनार किला स्थित डाक बंगले में भेज दिया।
मैं पीड़ितों से मिलने आई हूं, मिलकर ही रहूंगी
चुनार किले में गेस्ट हाउस के गेट के बाहार भी कुछ देर के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा धरने पर बैठ गईं और कार्यकर्ताओं की भीड़ के बीच उन्‍होंने कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया। प्रियंका ने अपने संबोधन में कहा कि – ”मेरी गिरफ्तारी का कोई भी कागज प्रशासन नहीं दिखा रहा है। राज्‍य में कानून व्‍सवस्‍था की स्थिति ठीक नहीं है। अधिकार मांग रहे लोगों पर हमला किया गया, गाेली चलाई गई। सोनभद्र में हुई जमीनी विवाद में हत्या में मारे गए लोगों के परिजनों से मुझे मिलने नहीं दिया जा रहा है। मीरजापुर की सीमा में नरायनपुर के पास गिरफ्तार कर चुनार किला लाया गया है। यहां से चाहे मुझे कहीं भी ले जाया जाय परन्तु मैं पीड़ितों से मिले बिना नहीं जाऊंगी। सोनभद्र में धारा 144 लगने की स्थिति में मैं तीन लोगों के साथ परिजनों से मिलने वहां जाऊंगी जिससे धारा 144 का उल्‍लंघन न हो सके। उन्होंने कहा कि जिस तरह सोनभद्र के घोरावल क्षेत्र में जमीनी विवाद में नर संहार किया गया उसकी कांग्रेस भर्त्सना करती है। नरसंहार में जिनकी भी मौत हुई है उनके परिजनों के पुनर्वास की व्यवस्था के साथ मुआवजा राज्‍य सरकार दे।”
हिरासत में लिए जाने के बाद चुनार गेस्ट हाउस पहुंची प्रियंका वाड्रा ने सबसे पहले एसडीएम से वारंट मांगते हुए पूछा कि बिना वारंट के मुझे कैसे यहां लाए हैं। इसके बाद अधिकारियों ने उनको निषेधाज्ञा लागू होने की बात कहते हुए समझाने की कोशिश की। सोनभद्र में पीडि़त परिवार वालों से मिलने के लिए जाते समय रोकी गईं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने चुनार किले पर सीओ से कहा कि बिना वारंट के गिरफ्तारी नहीं होती है। यह तो किडनैपिंग है। इसके बाद सीओ हितेंद्र कृष्ण ने कहा कि मैम बगैर वारंट के भी गिरफ्तारी हो सकती है। प्रियंका गांधी को इसके बाद चुनाव गेस्ट हाउस ले जाया गया। हालांकि, इस दौरान किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है।
धरने पर बैठीं प्रियंका ने कहा कि वह सोनभद्र में हुई झड़प में मारे गए लोगों के परिवार से मिलने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से जा रहीं थी लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोक लिया। वह चाहती हैं कि उन्हें वहां जाने से रोकने का लिखित आदेश दिखाया जाए। उन्होंने कहा कि वह पीड़ितों से मिलने के लिए सिर्फ चार लोगों के साथ भी सोनभद्र जाने को तैयार हैं। प्रियंका गांधी को हिरासत में लिए जाने को लेकर यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि उन्हें हिरासत में नहीं लिया गया है। उन्हें केवल रोका गया। उन्होंने कहा कि प्रियंका को चुनार गेस्ट हाउस ले जाया गया है।
वाराणसी में ट्रामा सेंटर में पीडितों से मुलाकात
नई दिल्ली से वाराणसी आने वाले इंडिगो एयरलाइंस के विमान 6इ906 से प्रियंका गांधी वाड्रा सुबह 9:50 बजे वाराणसी एयरपोर्ट पहुंचीं। प्रियंका गांधी वाड्रा ने बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट पर पहुंचते ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और एयरपोर्ट से वह सीधा ट्रामा सेंटर रवाना हो गईं। दरअसल प्रियंका गांधी सोनभद्र नरसंहार में गंभीर रुप से घायलों से मिलने ट्रामा सेंटर पहुंचीं। प्रियंका के पहुंचने से पहले ट्रामा सेंटर छावनी में तब्दील कर दिया गया और सुरक्षा व्‍यवस्‍था कड़ी कर दी गई। हादसे में घायल दिनेश को देखकर उन्‍होंने चोट के बारे में पूछा और हालचाल लिया।
उसके बाद प्रियंका ने घायल जयप्रकाश से और पिता संतलाल की तरफ देखा और कहा कि घबराइए मत जल्द ही ठीक हो जाएगा तो संतलाल ने घायल पत्नी सुखवंती को दिखाते हुए कहा कि पत्नी है, कहते हुए गला रुंध गया।प्रियंका ने ढांढस देते हुए कहा कि पूरी मदद होगी आपलोगों की। घायल महेंद्र के भाई नंदलाल से भी प्रियंका ने पूछा कि कोई दिक्कत तो नही है आप लोगों के इलाज में। घायल नागेंद्र से मिलने के बाद प्रियंका कुछ देर वार्ड में घायलों को देखती रहीं। परिजन भी उम्मीद लगाए देख रहे थे कि प्रियंका जी कुछ मदद की घोषणा करेंगी लेकिन प्रिंयका अपनी भावनाओं को अंदर लिए वार्ड से बाहर निकल गई|
प्रियंका गांधी को उभ्भा गांव जाने से रोकने की तैयारी
सोनभद्र जिले में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा को मृतक के परिजनों से मिलने जाने से रोकने के लिए जिला प्रशासन ने घोरावल क्षेत्र की सीमा को उनके आने की जानकारी होते ही सील करा दिया है। जिला प्रशासन द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार गृह विभाग उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर घोरावल क्षेत्र के उभ्भा एवं सपही में भूमि पर कब्जे को लेकर हुए विवाद में दस के मारे जाने व 28 के घायल होने को लेकर पूरे क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। इलाके को अत्यंत संवेदनसील माना गया है। इसे लेकर प्रियंका गांधी वाड्रा को गांव में जाने से रोकने के लिए घोरावल की सीमा को सील कर दिया गया। वहीं घोरावल जा रहे पूर्व मंत्री विजय सिंह गोंड़ को तीन अन्य समर्थकों के साथ दुद्धी पुलिस ने शुक्रवार को हिरासत में ले लिया। जबकि सोनभद्र जिले में मीडिया को भी घटनास्‍थल पर जाने और कवरेज से प्रशासन ने रोक दिया है। उभ्‍भा गांव पहुंचने की कोशिश कर रहे सपा और कांग्रेस के लोगों को पुलिस ने वापस लौटा दिया है।
चर्चा में रहा प्रियंका का दौरा
लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस में मची उठापटक के बीच उत्‍तर प्रदेश में कांग्रेस के किसी शीर्ष नेता का यह पहला पूर्वांचल दौरा है। पूर्वी उत्‍तर प्रदेश के प्रभारी के तौर पर प्रियंका के इस नरसंहार पर सोनभद्र आगमन को सियासी हलके में उनकी सक्रियता के तौर पर भी लिया जा रहा है। वहीं कांग्रेसियों की भी लंबे समय से प्रियंका के यहां पर लगातार सक्रिय रहने की अपेक्षा रही है। पार्टी में शीर्ष स्‍तर पर अध्‍यक्ष पद को लेकर मचे विवाद के बीच उनका वाराणसी में अचानक आगमन भी चर्चा में बना हुआ है। वहीं प्रियंका के मीरजापुर में धरने और उनको हिरासत में लिए जाने के बाद लखनऊ तक पदाधिकारियों के फोन बजने लगे और प्रदेश भर में कांग्रेसियों की सक्रियता भी बढ़ गई।
मीडिया से मीरजापुर में की बातचीत
प्रियंका गांधी से यूपी में कानून व्यवस्था को लेकर बाबतपुर एयरपोर्ट पर पत्रकारों ने सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि मैं अभी घायलों और मृतक के परिजनों से मिलने जा रही हूं, अभी इस बारे में कोई बात नहीं करूंगी। वहीं ट्रामा सेंटर में भी उन्‍होंने मीडिया से दूरी बनाए रखी और सीधे मीरजापुर होते हुए सोनभद्र रवाना हो गईं। हालांकि हिरासत में लिए जाने से पूर्व मीरजापुर में धरना देते समय उन्‍होंने राज्‍य सरकार पर कानून व्‍यवस्‍था को लेकर आरोप लगाया और पीडितों से न मिलने देने को लेकर भी उन्‍होंने प्रशासनिक मंशा को कठघरे में खड़ा किया।
पूर्वांचल में शुरु हुआ प्रदर्शन
प्रियंका गांधी की मीरजापुर जिले में गिरफ्तारी के खिलाफ के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बलिया जिले में रोडवेज तिराहे के समीप सड़क जाम कर सरकार विरोधी नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं की मांग थी कि प्रियंका को तत्‍काल रिहा किया जाए नहीं तो कार्यकर्ता आंदोलन को बाध्‍य होंगे। वहीं प्रियंका को हिरासत में लिए जाने और सोनभद्र में घोरावल के उभ्‍भा गांव में दस ग्रामीणों की हत्‍या के बाद कांग्रेस नेता को न जाने देने को लेकर विभिन्‍न जिलों में कार्यकर्ताओं ने रोष जाहिर किया है। पूर्वांचल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जगह जगह विरोध प्रदर्शन करते हुए कई जगहाें पर सरकार का प्रतीक पुतला भी फूंका है।