बागपत:(फर्रुखाबाद) सेन्ट्रल जेल फतेहगढ़ में बंद कुख्यात सुनील राठी ने पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या बागपत जेल में गोली मारकर की थी| इसी केस में सुनील राठी की बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से बागपत सीजेएम कोर्ट में पेशी हुई। केस के विवेचक का कहना है कि राठी के केस में दोबारा रिमांड बन गया है।
बीते नौ जुलाई की सुबह बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। कुख्यात सुनील राठी ने बजरंगी की हत्या करना स्वीकार किया था और उसकी निशानदेही पर पुलिस ने जेल के सेफ्टी टैंक से वारदात में प्रयुक्त पिस्टल, दो मैग्जीन और 22 कारतूस बरामद किए थे। खेकड़ा थाने में राठी के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज हुए थे। इनमें एक हत्या व दूसरा राठी की निशानदेही पर पिस्टल बरामदगी का केस शामिल है। सुरक्षा की लिहाज से उसे से फतेहगढ़ सेंट्रल जेल से राठी को पेशी पर नहीं लाया गया। केस के विवेचक एवं खेकड़ा थानाध्यक्ष एसपी सिंह का कहना है राठी की वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी हुई है। उसका 14 दिन का न्यायिक रिमांड बन गया है।
बता दें कि बजरंगी की हत्या के केस में राठी का 21 जुलाई को रिमांड बना था। दूसरी ओर कुख्यात अजीत उर्फ हप्पू निवासी बावली भी फतेहगढ़ की सेंट्रल जेल में बंद है। उसकी भी बुधवार को सीजेएम अदालत में पेशी थी। वह न्यायालय में पेशी पर नहीं आया। न्यायालय ने पेशी की अगली तारीख नियत कर दी है। मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले में न्यायिक जांच भी तेजी से आगे बढ़ रही है। इस मामले में निलंबित जेलर, डिप्टी जेलर समेत चारों कर्मचारियों के बयान दर्ज होंगे। इसके लिए अदालत ने उनको तलब किया है। इससे पहले विक्की सुन्हैड़ा समेत तीन बंदियों के बयान दर्ज हो चुके हैं। जेल सूत्रों के मुताबिक अदालत ने निलंबित जेलर यूपी सिंह, डिप्टी जेलर शिवाजी यादव और दो मुख्य बंदीरक्षक अरजिंदर और माधव कुमार को बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया है। ये चारों जल्द ही बयान देने के लिए अदालत पहुंचेंगे। अदालत ने मुन्ना बजंरगी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी तलब कर रखी है। इसके अलावा मजिस्ट्रेटी, पुलिस और जेल के अधिकारी भी जांच करने में लगे हुए है। बुधवार को भी पुलिस की टीम ने जेल में पहुंचकर जांच पड़ताल कर बंदियों से पूछताछ की।
साक्ष्य देने की तिथि बढ़ेगी
बजरंगी हत्याकांड की मजिस्ट्रीयल जांच में बुधवार को कोई भी साक्ष्य देने नहीं पहुंचा। अब साक्ष्य देने की तारीख बढ़ाई जाएगी। एडीएम वित्त व राजस्व लोकपाल सिंह मजिस्ट्रीयल जांच कर रहे हैं। हत्याकांड के संबंध में कोई भी लिखित या मौखिक साक्ष्य 25 जुलाई तक दे सकता था। परिजनों को भी सूचना दी गई थी।