फर्रुखाबाद: शहर कोतवाली क्षेत्र के इस्माइलगंज सानी निवासी स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय रामचन्द्र वर्मा के पुत्र लेखपाल रविन्द्र वर्मा के आवास के बाहर मिले कथित बम ने पुलिस की सुरक्षा की पोल तो खोल दी साथी ही साथ जिले की पुलिस बम के मामले में भरोसे मंद है यह इस घटना से पता चल गया| जब सुबह लगभग पांच से 6 बजे के बीच मिले बम के बाद पुलिस आठ घंटे तक लगातार कुर्सी पर बैठकर उसके फटने का इंतजार करती रही| क्योंकि जिले में बम निरोधक टीम है ही नही| जिसके चलते बरेली से आयी बीडीएफ टीम का इंतजार आठ घंटे तक किया गया| इस बीच यदि टाइम बम होता तो बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश कामयाब हो जाती और ना जाने कितने लोगो की जाने भी जा सकती थी|
पहले सुबह 5:45 पर लेखपाल की माँ उर्मिला ने बम देखा,6 बजे डायल 100 पंहुची, 6:30 बजे कोतवाल अनूप निगम फ़ोर्स के साथ आ गये, 7:23 पर पुलिस लाइन फतेहगढ़ से एंटी सर्वो टीम पंहुची, 7:32 पर टीम ने बम के आस-पास पानी के ड्रम व बालू रखी, लगभग दो घंटे बाद 7:47 पर सीओ सिटी शरद चन्द्र शर्मा पंहुचे, 9:00 बजे सदर विधायक मेजर सुनील दत्त मौके पर पंहुचे, 9:30 बजे एसपी दयानंद मिश्रा पंहुचे, 10:17 पर एसपी चले गये, 11:54 पर बम निरोधक दस्ता बरेली से मौके पर पंहुचा, 12:16 पर खोजी कुत्ते वास्को को बम सुंघाया गया, 12:50 पर बम को पानी में डाला गया, 1:11 पर उसे टीम के महेश ने व्लेड से काट दिया, 1:37 पर बम को डिफ्यूज करने के लिये पिकअप में रखकर ले गये|
मजे की बात यह है कि 6 बजे से लेकर लगभग दो बजे तक आस-पास के लोग दहशत में रहे| यदि नकली टाइम बम की जगह असली टाइम बम होता तो आठ घंटे बरेली से बीडीएफ टीम आने का इंतजार करते रहते और बड़ी घटना को अंजाम दिया जा सकता था| वही बरेली से आयी बीडीएफ टीम के सात सदस्यों के प्रभारी लीला धर आर्य के साथ सभी ने मिलकर बम को निष्क्रिय किया| टीम के सदस्य महेश ने बम के तार काटकर उसे निष्क्रिय किया| और उसे नष्ट करने के लिये पुलिस लाइन ले गये|
बीडीएफ टीम प्रभारी लीलाधर ने बताया कि वह टाइम बम जैसा कुछ नही था| घड़ी भी बंद थी| बम के एक्सरे के दौरान उसमे कोई बारूद जैसे तत्व नही मिले | जिससे उसके फटने की सम्भावना कम है| किसी ने दहशत फ़ैलाने के लिये यह किया है| वही टीम के लखनऊ से आये अफसरों व एसपी दयानंद मिश्रा की निगरानी में पुलिस लाइन मैंदान में बम को नष्ट किया गया|