फर्रुखाबाद: माघ मेला रामनगरिया का उद्घाटन गुरुवार को जिलाधिकारी प्रकाश-बिंदु और एसपी सुभाष सिंह बघेल ने हवन और दीपदान करने के साथ कर दिया| लेकिन बीते वर्ष हुये शुभारम्भ के आगे सब कुछ फीका ही नजर आया| कही ना कही आचार संहिता का खौफ भी रामनगरिया पर साफ़ दिया| अव्यवस्था देख पांडाल से साधू भी चले गये| बाद में उन्हें बमुश्किल वापस लाया गया|जिलाधिकारी को गुरुवार को शाम 3 बजे रामनगरिया में पंहुचकर उद्घाटन करना था| जिसके चलते पहले से ही साधू-संत को पांडाल में स्थान दिया गया| विभिन्य धर्मो के धर्म गुरुओ और राजनैतिक पार्टियों के भी कुछ लोगो को आमंत्रित किया गया| वह भी समय से अपनी कुर्सी पर आ कर बैठ गये| सेन्ट्रल जेल का बैंड भी आ गया| लेकिन जिलाधिकारी और एसपी के इंतजार में पांच बज गये| डीएम के ना आने पर साधू पांडाल से चले गये| उन्होंने आरोप लगाया की उन्हें पांडाल में किनारे कुर्सी पर बैठाया गया | जबकि अन्य बाहरी लोगो को सामने मंच की कुर्सी पर बैठाया गया|साधुओ को मनाने का प्रयास किया गया| लेकिन उन्होंने कहा की पूजा का समय हो गया है इस लिये वह अपनी-अपनी कुटिया में जा रहे है| सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष चन्द्रपाल यादव, बसपा नेता रामनरेश गौतम, पादरी किशन मसीह, डॉ० रामकृष्ण राजपूत पांडाल से चले गये| जिसके बाद साधुओ को जिलाधिकारी प्रकाश बिंदु और एसपी सुभाष सिंह बघेल के पंहुचने से पहले वापस बुला लिया गया| डीएम-एसपी ने हवन में आहुति दी| इसके बाद उन्होंने गंगा घाट पर जाकर दीपदान भी किया|
एडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट शिवबहादुर सिंह पटेल, सीओ सिटी आलोक कुमार, मेला थानाध्यक्ष महेन्द्र त्रिपाठी, शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष संजय तिवारी, संजय गर्ग, रमला राठौर आदि मौजूद रहे|