मायावती नहीं चाहतीं उनके अलावा कोई दलित नेता बने: पुनिया

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लखनऊ।। कांग्रेस सांसद व अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पी. एल. पुनिया ने बीते दिन कहा कि उत्तर प्रदेश में मेरे सरकारी दौरों के समय प्रदेश सरकार द्वारा पर्याप्त सुरक्षा नहीं दिए जाने के कारण मेरी जान को खतरा है। हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय और खुद आयोग इस बारे में उत्तर प्रदेश सरकार को लिखते रहे हैं, लेकिन अभी तक इस बाबत कुछ भी नहीं किया गया है। ऐसे में मुझे अगर कुछ होता है, तो इसके लिए मायावती सरकार जिम्मेदार होगी।

पुनिया एक रिटायर आईएएस अधिकारी हैं और मायावती सरकार के पिछले शासन के दौरान मुख्य सचिव रह चुके हैं। मगर ताज कॉरिडोर मामले में वह मायावती के कृपापात्र नहीं रहे। बाद में रिटायर होने पर पुनिया कांग्रेस में शामिल हो गए और फिर वह लोकसभा चुनाव में बाराबंकी से जीते। पुनिया ने कहा कि मुझे बताया गया है कि राज्य सरकार ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे किसी पुराने केस में मेरे खिलाफ आरोप गढ़ें।

बाद में उन्होंने मिर्जापुर का दौरा किया और वहां उन्होंने दलित समुदाय के लिए शुरू की गई योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने वाले एक कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने आरोप लगाया कि इन योजनाओं के बारे में जब वह दलितों को शिक्षित करते हैं, तो मायावती को बुरा लगता है। वह नहीं चाहतीं कि उनके अलावा कोई और दलित नेता उभरे। दरअसल, मायावती दलितों की सबसे बड़ी दुश्मन हैं।