नई दिल्ली:कालेधन पर मुहिम को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपनी ही पार्टी के सांसदों-विधायकों के लिए नया फरमान जारी किया। पीएम ने बीजेपी संसदीय दल की बैठक में सभी बीजेपी सांसदों-विधायकों से अपने खातों की जनाकारी देने का निर्देश दिया है।
संसद भवन में हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के सभी सांसदों, विधायकों से कहा कि वे 8 नवंबर से 31 दिसंबर के बीच अपने बैंक खातों के लेनदेन का ब्यौरा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को सौंप दें। उन्होंने अमित शाह को सभी के खातों का ब्योरा जमा करने को कहा।
प्रधानमंत्री ने बीजेपी संसदीय दल की बैठक में कहा कि आयकर संशोधन विधेयक कालेधन को सफेद करने के लिए नहीं बल्कि गरीबों से लूटे गये धन का उपयोग उनके कल्याण के लिए करने के वास्ते हैं। कल लोकसभा में पेश किए गए आयकर संशोधन विधेयक के बारे में यह आरोप लगाये जा रहे हैं कि यह कालेधन को सफेद करने में मदद करेगा। मोदी ने कहा कि संशोधित कानून लोक कल्याण मार्ग से गरीबों के कल्याण के कार्यक्रम के वास्ते हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री आवास लोक कल्याण मार्ग पर स्थित है जिसे पहले रेसकोर्स मार्ग कहा जाता था।
मोदी का हवाला देते हुए संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि यह विधेयक कालेधन के खिलाफ सरकार की जंग का हिस्सा है। गरीब कल्याण योजना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार इस योजना के तहत गरीबों को बुनियादी सुविधाओं की आपूर्ति करने, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा, पेयजल आदि मुहैया कराने के लिए धन का उपयोग करेगी। मोदी ने कहा कि सरकार भारत को नकदविहीन समाज बनाने के लिए प्रत्यनशील है। उन्होंने डिजिटल, मोबाइल अर्थव्यवस्था बनाने के उनके प्रयासों को सभी से समर्थन देने का आग्रह किया।
संसदीय दल की बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी सांसदों से कहा कि वे अपने अपने क्षेत्र के पंचायतों, नगर पालिकाओं और अन्य स्थानीय निकायों के कारोबारियों को नकदविहीन लेनदेन अपनाने को प्रेरित करें। 8 नवंबर से लागू हुए नोटबंदी के फैसले को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। इसे लेकर संसद अब तक ठीक से नहीं चल सकी है। कल विपक्ष ने नोटबंदी के खिलाफ जनाक्रोश दिवस भी मनाया था। आज भी विपक्ष ने संसद शुरू होने से पहले आगे की रणनीति तय करने के लिए संसद भवन में बैठक की।
बता दें कि सरकार और बीजेपी पर विपक्षी दल आरोप लग रहे हैं कि नोटबंदी से पहले इसकी जानकारी बीजेपी को दे दी गई थी। कुछ दिन पहले ये आरोप भी लगा कि बीजेपी ने बिहार में नोटबंदी से ऐन पहले बड़ी रकम देकर जमीनें खरीदीं।