नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में आज बहुप्रतीक्षित फेरबदल हो गया। मोदी कैबिनेट में 19 नए मंत्रियों को शामिल किया गया। राष्ट्रपति भवन पर सुबह 11 बजे शुरू हुए मंत्रिमंडल विस्तार कार्यक्रम के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी, अरुण जेटली, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी समेत उनके अधिकांश मंत्री मौजूद थे। राष्ट्रगान के बाद मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह शुरू हुआ।
पर्यावरण मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की जिम्मेदारी संभाल रहे प्रकाश जावडेकर का दर्जा बढ़ाकर उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। सभी नए चेहरों को राज्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई। आज की कवायद को दलितों और ओबीसी को लुभाने के भाजपा के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है, जिनके वोट उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में भाजपा के चुनावी भाग्य के लिए महत्वपूर्ण होंगे।
विजय गोयल और फग्गन सिंह कुलस्ते को छोड़कर सभी नए चेहरे हैं। वहीं, इनमें से कुछ चेहरे भाजपा शासित राज्य सरकारों में मंत्री रह चुके हैं। राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले सांसदों में अजय टम्टा, अर्जुन राम मेघवाल, कृष्णा राज, रामदास अठावले, रमेश सी जिगाजिनागी शपथ लेने वाले दलित सांसदों में शामिल हैं।
मोदी सरकार में शामिल किए गए अन्य मंत्रियों में अनुप्रिया पटेल, एस एस अहलूवालिया, पी पी चौधरी, सी आर चौधरी, एम जे अकबर, जसवंत भाभोर, पुरषोत्तम रूपाला, मनसुखभाई मंडाविया, एस आर भामरे, महेंद्र नाथ पांडेय, अनिल माधव दवे और राजन गोहैन शामिल हैं। अठावले भाजपा के सहयोगी दल आरपीआई से आते हैं, वहीं बाकी भाजपा से हैं। कुल 19 नए चेहरों में से तीन उत्तर प्रदेश, तीन गुजरात और तीन मध्य प्रदेश से हैं, जबकि राजस्थान से चार लोगों को शपथ दिलाई गई।सबसे पहले प्रकाश जावड़ेकर ने शपथ ली उन्हें प्रमोशन देकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया। इसके बाद फग्गन सिंह कुलस्ते शपथ लेने आए, फिर एसएस अहलूवालिया ने शपथ ली। अहलूवालिया 4 बार राज्यसभा सांसद रहे हैं। कर्नाटक के बीजापुर से सांसद रमेश चनप्पा, राजस्थान से राज्यसभा सांसद विजय गोयल ने भी मंत्रिपद की शपथ ली। इसके बाद आरपीआई के सांसद रामदास अठावले असम के नौगांव से सांसद राजन गोहेन ने भी शपथ ली।
मई 2014 में सत्ता संभालने के बाद मोदी मंत्रिमंडल में यह सबसे बड़ा फेरबदल है। कैबिनेट में शामिल किए जा रहे नामों का चयन अपने विकास के विजन, गुड गवर्नेंस और केंद्र की गांव, गरीब और किसान की नीतियों को ध्यान में रखते हुए किया है। खास बात ये है कि इस कैबिनेट विस्तार में चुनावी राज्यों को खास के अलावा जातीय समीकरण को भी तवज्जो दी गई है। पीएम मोदी ने 19 नामों का पीएम मोदी ने अपने कैबिनेट के लिए चयन किया है वो 10 राज्यों से किया है। इसके अलावा जातीय समीकरण के हिसाब से एसटी से 2 मंत्री, एससी कोटे से 5 मंत्री इसके अलावा अल्पसंख्यक कोटे से 1 और महिला कोटे से 2 को मंत्री पद मिला।