फर्रुखाबाद: एक बार फिर जनपद की गंगा जमुनी तहजीब को चार चाँद लग गये| हिन्दू और मुसलमान की दुहाई देने वालो के मुंह पर करारा तमांचा पड़ा|
| जो जरा सी बात में हिन्दू और मुस्लिम को अलग अलग करने की सोंचते है | जिस पर दो मुस्लिम समुदाय के मासूम हिन्दू समाज के 6 लोगो की गंगा में डूबते समय जान बचा रहे थे तो उन्होंने उनसे उनका धर्म और जाति नही जानी| उन वीर और साहसी मासूम बच्चो को तो वीरता पुरुस्कार मिलना चाहिए| जिनकी बजय से आज 6 घरो का चिराग बुझते-बुझते बच गया|
शुक्रवार को जुमे की जमाज के लिये पांचाल घाट के आस पास के सभी गोटा खोर नबाज अदा करने के लिये चले गये| घाटो पर कुछ लोग की बचे थे | कुछ मासूम बच्चे नाव पर खेल रहे थे| तभी अचानक अमेठी जदीद निवासी आठ लोग गंगा को डूबने लगे| उनकी चीख पुकार घाट के किनारे बैठे मासूम उमेस पुत्र शेरअली और सलीम पुत्र जहाँगीर निवासी सोताबहादूरपुर ने सूनी| वह अभी जिन्दगी और मौत के बीच का अंतर भी नही समझते थे फिर भी अचानक आठो को बचाने के लिये गंगा के गहरे पानी में नाव लेकर पंहुचे| उनके अलावा और किसी ने गंगा के तेज पानी में जाने की हिम्मत नही जुटा पायी|
दोनों ने जैसे तैसे पानी में मौत के मुंह में जूझ रहे 6 को सही सलामत पानी ने निकाल लिया लेकिन और दो को ऊपर नही खीच सके जिससे उनकी तो मौत हो गयी जबकि 6 सही सलामत निकल आये | मासूम बच्चों के साहस को देखते हुये पांचाल घाट चौकी इंचार्ज ने उन्हें 1000 रुपये ईनाम दिया| लेकिन क्या वह इतने के ही हकदार है उन्हें तो बड़ा वीरता पुरुस्कार मिलना चाहिए| जिससे आने वाले समय में लोग सीख ले सके|