यूपी में सामान्य वर्ग के टॉपर्स मुफ्त लैपटॉप से होंगे बाहर

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laptopJNIDESK: एक बार फिर सामान्य वर्ग के मेधावी छात्र-छात्राओं को आरक्षण का दंश झेलना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2015 में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के मेधावियों को लैपटॉप वितरण में अल्पसंख्यक वर्ग व अनुसूचित जाति जनजाति के लिए आरक्षण का प्रावधान किया है, जबकि अधिक अंक हासिल करने वाले सामान्य वर्ग के मेधावी का नाम पात्रता सूची से बाहर होगा।

आरक्षण का लाभ पाने वाले सरकारी कर्मियों को पदावनत करने का आदेश देकर सर्वोच्च न्यायालय ने भले ही आईना दिखाया हो लेकिन वोट की राजनीति में सरकारें सबक लेने को कतई तैयार नजर नहीं आ रही हैं। प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन द्वारा 16 सितंबर को लैपटाप वितरण के संबंध में शासनादेश जारी किया गया है। इसमें अनुसूचित जाति एंवं अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं को 21 एवं अल्पसंख्यक वर्ग का 20 फीसद कोटा निर्धारित किया गया है। वर्ष 2015-16 के वित्तीय व्यवस्था के अधीन लैपटॉप की संख्या का खुलासा नही किया है लेकिन हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के लिए समान अनुपात 50:50 फीसद का वितरण का प्रावधान किया है। जनपद व बोर्डवार लक्ष्य निर्धारित होने पर जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यक्षेत्र के विद्यालयों के प्रधानाचार्य से मेधावी छात्र-छात्राओं की सत्यापित व प्रमाणित सूची प्राप्त करेंगे। जनपद स्तर पर भी मेधावी छात्र-छात्राओं की अलग सूची तैयार की जाएगी। अल्पसंख्यक वर्ग एवं अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों का प्रतिनिधित्व इन दोनों सूचियों में संयुक्त रूप से सुनिश्चित करने के बाद अलग सूची तैयार की जाएगी। इसके बाद जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय समिति सूची का अनुमोदन कर निदेशक माध्यमिक शिक्षा के माध्यम से शासन को भेजेगी। जनपदों में आयोजित कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री या जिले के प्रभारी मंत्री द्वारा चयनित छात्र छात्राओं को लैपटाप प्रदान किए जाएंगे।

65 फीसद यूपी बोर्ड के मेधावियों को मिलेगा हक

लैपटॉप वितरण में शिक्षा बोर्ड को चार स्तरों में विभाजित कर लक्ष्य निर्धारित किया गया है। लैपटॉप हासिल करने वाले यूपी बोर्ड के सर्वाधिक मेधावी होंगे, उनके लिए 65 फीसद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 25 फीसद सीबीएसई व आसीएसई बोर्ड के मेधावियों का होगा, जबकि उप्र माध्यमिक मदरसा शिक्षा परिषद एवं उप्र माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद के लिए 5-5 फीसद निर्धारित किया गया है। जनपद में अन्य बोर्ड के मेधावियों की अनुपलब्धता की दशा में शासन से अनुमोदन प्राप्त कर लक्ष्य को यूपी बोर्ड से पूरा करने का प्रावधान किया गया है।

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