घूसखोर- प्रधान और सचिव ने लोहिया ग्राम के लिए वसूली घूस

Uncategorized

corruptionफर्रुखाबाद: सरकार की योजना में जनता को फायदा दिलाने के लिए यूपी में सरकारी तंत्र और जनप्रतिनिधि रिश्वत वसूलते है| आम जनता को इसका लाभ बिना घूस के मिलना बड़ी ही टेडी खीर है| वैसे तो रिश्वत देने वाले और लेने वाले दोनों चुप्पी साढ़े रहते है| मगर मामला तब खुलता है जब बेईमान लोग रिश्वत लेने के बाद भी जनता को सहायता उपलब्ध नहीं करा पाते| ऐसा ही मामला जनपद के अमृतपुर तहसील के गाव किराचन का है| जहाँ एक महिला को लोहिया आवास लेने के लिए प्रधान और ग्राम सचिव को रिश्वत देने के वास्ते अपने जेवर गिरवी रखने पड़े| जब साल बीत जाने के बाद भी लोहिया आवास नहीं मिला तो लखनऊ से हाल चाल लेने आये सचिव स्तर के अफसर को महिला ने शिकायत कर दी| मामले की जाँच अब एसडीएम कर रहे है और निगाह लखनऊ से रखी जा रही है|

अमृतपुर तहसील के गाव किराचन की फूलमती ने 27 जून को सचिव रविप्रकाश को शिकायत दर्ज करायी थी कि उससे प्रधान और ग्राम सचिव ने 20000 रुपये रिश्वत लोहिया आवास दिलाये जाने के लिए दी थी| मगर न तो उसे आवास मिला और न ही उसकी रिश्वत सचिव और प्रधान लौटा रहे है| सचिव ने लखनऊ मुख्यालय पर जाने के बाद इसकी जाँच के लिए चिट्ठी भेजी| शनिवार को एसडीएम संत कुमार ने गाव जाकर महिला और ग्राम सचिव के बयान नोट किये| महिला फूलमती ने बताया कि उसने सर्राफ नन्हे बाजपेयी के यहाँ जेवर गिरवी रखकर रिश्वत की रकम जुटाई थी| इसके बाद सर्राफ के बयान भी एस डी एम ने रिकॉर्ड किये| नन्हे बाजपेयी ने बताया कि उसने जेवर गिरवाई रखकर महिला को 10000 रुपये दिए जो वापस न हो पाने के कारण महिला के जेवर उन्ही के पास रखे है| एस डी एम ने सर्राफ की गिरवी गांठ की डायरी भी जब्त कर ली है|

अब एक बार फिर से जनता के प्रतिनिधि प्रधान और सरकारी नौकर सचिव को बचाने या फिर सजा दिलाने में प्रशासन की साख दाव पर है| आखिर दोनों ही जीव अधिकारियो के लिए जमीनी स्तर से रिश्वत का जुगाड़ जो करते है| मगर प्रधान ने अपने पडोसी से ही रिश्वत ले ली| ग्रामीणो ने बातचीत में बताया कि इस प्रधान को 2015 के चुनावो में बदलना ही एक मात्र रास्ता बचा है| अगर वर्तमान प्रधान अगले साल पंचायतो के चुनाव में खड़ा हुआ तो उसे हर कीमत पर हराना प्राथमिकता होगी|

[bannergarden id=”8″] [bannergarden id=”11″]