धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार अधिनियम में लेखपाल प्रवेश तोमर के खिलाफ मुकदमा दर्ज

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Pravesh-Singh-Tomarफर्रुखाबाद: रिश्वत वसूली करके जनता को लूटने और अनुचित लाभ पहुचाने के मामले में आखिरकार लेखपाल प्रवेश तोमर फस ही गए| अनुचित लाभ लेकर एक ही व्यक्ति के 22 दिन में 4 अलग अलग आय के प्रमाण पत्रो को जारी करने के लिए रिपोर्ट लगाने के आरोप में कानूनगो ने फतेहगढ़ कोतवाली में लेखपाल के विरुद्ध गैर जमानती धाराओं 420 आईपीसी और 3/5 भ्रष्टाचार अधिनियम में ऍफ़ आयी आर पंजीकृत करायी गयी है| खबर है कि लेखपाल को गिरफ्तार न करने के लिए कुछ भ्रष्टाचार सर्मथक नेता और विधायक पुलिस पर दबाब बना रहे है| वहीँ पुलिस का कहना है कि गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे है|

फतेहगढ़ कोतवाली में दर्ज मुकदमे के अनुसार गंगा नगर निवासी प्रणवीर सिंह को लेखपाल कोतवाल सिंह और लेखपाल प्रवेश सिंह तोमर दोनों ने कुल चार आय प्रमाण पत्र जारी किये| सबसे पहले दिनांक 25/03/2013 को प्रणवीर सिंह को 42000/- वार्षिक आय का प्रमाण पत्र जारी हुआ जिस पर तत्कालीन लेखपाल कोतवाल सिंह ने रिपोर्ट लगायी| इसके बाद प्रणवीर सिंह ने पुनः आवेदन किया| दुबारा में उसे 17/04/2013 में 38000 वार्षिक आय का प्रमाण पत्र जारी हो गया| इस दौरान लेखपाल कोतवाल सिंह का तबादला हो गया और उसके स्थान पर लेखपाल प्रवेश सिंह को तैनाती मिल गयी थी| प्राणधीर सिंह को 15 दिन बाद ही दूसरा आय प्रमाण पत्र 38000 का मिला जिस पर लेखपाल प्रवेश तोमर ने रिपोर्ट लगायी थी| शायद प्राणधीर का इस आय प्रमाण पत्र से काम नहीं चला| चूँकि प्राणधीर राज मिस्त्री/मजदूर का काम करता है लिहाजा उसे किसी ऐसी सरकारी योजना का लाभ लेना था जो गरीबो को मिलती जिसके लिए उसे 3000/- वार्षिक आय से कम का प्रमाण पत्र चाहिए था| प्राणधीर ने तीसरी बार पुनः आवेदन किया और लेखपाल ने इस बार प्राणधीर को दूसरे प्रमाण पत्र जारी करने के ठीक एक सप्ताह बाद दिनांक 17/04/2013 को 32000 /- वार्षिक आय का प्रमाण पत्र जारी कर दिया| इस मामले की शिकायत आप पार्टी वालो ने कई माह पहले जिलाधिकारी से की थी और सबूत सौपे थे|
कुछ यूं है प्रनधीर को जारी हुए प्रमाण पत्रों का ब्यौरा-

1- 290311308905 –17/04/2013 –Rs 32000
2- 290311306382 –25/03/2013 –Rs 42000
3- 290311308029 –10/04/2013 –Rs 38000

पुलिस को दी गयी तहरीर में कहा गया कि एक ही व्यक्ति के 25 दिन में अलग अलग आय के तीन प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अलग अलग आय की रिपोर्ट लगाने में प्रतीत होता है कि लेखपाल ने अनुचित लाभ लेकर सरकारी सेवा नियामवली आचरण और दायित्वो के विपरीत कृत्य किया है| मामले में फर्जी रिपोर्ट लगाकर उच्च अधिकारिओ को भी गुमराह करके संस्तुति कराने में धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 3/5 के तहत केस पंजीकृत किया गया है|

गंभीर आरोप:- 1000/- की रिश्वत में लेखपाल जारी करते है मनमाफिक आय प्रमाण पत्र