गंभीर आरोप:- 1000/- की रिश्वत में लेखपाल जारी करते है मनमाफिक आय प्रमाण पत्र

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india against corruptionफर्रुखाबाद: लेखपालो के बीच एक बड़ी लोकप्रिय कहावत है कि प्रदेश में केवल दो ही पाल है जिनके पास असीमित पावर है| एक राज्यपाल और दूसरा लेखपाल| शायद यही भ्रम पाले लेखपाल तमाम नियम और कानूनों को ताक पर रख जायज और नाजायज दोनों कामो में रिश्वत वसूल लेते है| जिलाधिकारी को आप पार्टी द्वारा भेजी गयी शिकायतों के पुलिंदे में इन्ही का खुलासा किया गया है|

केस न० 1-
पहला मामला शिवमंगल सिंह यादव के तैनाती क्षेत्र भरखा का है| कांती कुशवाहा निवासी भरखा तहसील अमृतपुर ने आय प्रमाण पत्र के लिए दो बार आवेदन किया| उसे एक माह में दो आय प्रमाण पत्र अलग अलग आय के मिल गए| दरअसल में कांती को आंगनबाड़ी में कार्यकत्री की नौकरी के लिए आवेदन करना था| इसके लिए उन्हें 18000/- वार्षिक आय का प्रमाण पत्र चाहिए था| मगर कांती को जो पहला प्रमाण पत्र संख्या 290211300396 दिनांक 18/03/2013 को मिला वो लेखपाल ने 30000/- वार्षिक आय का बना दिया| ये कांती के लिए बेरोजगारी भत्ते में तो काम आ सकता था मगर आँगन बाड़ी में नौकरी के लिए नहीं| कांती ने दुबारा लेखपाल शिवमंगल सिंह से सम्पर्क किया| जानकारी के मुताबिक लेखपाल ने 1000/- रुपये की रिश्वत के साथ पहले जारी किया हुआ प्रमाण पत्र अपने पास रख लिया और दूसरे प्रमाण पत्र के लिए 18000/- वार्षिक आय की रिपोर्ट लगा दी| दूसरा प्रमाण पत्र संख्या 290211302402 दिनांक 20/04/2013 को जारी किया गया| यानि की एक ही लेखपाल ने एक माह में एक ही व्यक्ति की दो आय प्रमाण पत्र जारी कर दिए|

केस न० 2-
लेखपाल प्रवेश सिंह तोमर की तैनाती क्षेत्र गंगा नगर कॉलोनी का है- साकेत गली गंगा नगर निवासी प्रनधीर सिंह को भी अपनी सही बनबाने के लिए 2000 /- रुपये की रिश्वत देनी पड़ी| प्रनधीर एक मजदूर है| जो राज मिस्त्री के साथ मजदूरी करता है| उसने बेरोजगारी भत्ता के लिए प्रमाण पत्र बनबाया था| ऐसा प्रनधीर ने जिलाधिकारी को सौपी शिकायत में कहा है| उसने एक माह में जारी हुए तीन आय प्रमाण पत्रों का ब्यौरा सौपा है| कुछ यूं है प्रनधीर को जारी हुए प्रमाण पत्रों का ब्यौरा-

1- 290311308905 –17/04/2013 –Rs 32000
2- 290311306382 –25/03/2013 –Rs 42000
3- 290311308029 –10/04/2013 –Rs 38000

केस न० 3
ऐसा ही एक मामला शिक्षा कटियार निवासी नेकपुर का है-
श्रीमती शिक्षा कटियार वल्द उदित कटियार निवासी नेकपुर कला को 14/04/2013 को को 37000/- आय का प्रमाण पत्र संख्या 290311308563 जारी कर किया गया| ये सम्भवता बेरोजगार भत्ता में उपयोग होना था जो अमान्य हो गया| इसके बाद लेखपाल प्रवेश तोमर ने 1000/- रुपये की रिश्वत देकर 22/4/2013 को 30000/- रुपये प्रमाण पत्र संख्या 29031109169 जारी किया गया|

रिसोर्स- जिलाधिकारी को सौपे गए शिकायती पत्रों में दर्ज शिकायत के आधार| वैसे ये सब प्रमाण पत्र इंटरनेट पर प्रमाणित हो रहे है| मतलब ये कि जो होना था वो तो हो चूका| अब कार्यवाही क्या होती है इस पर जनता की नजर रहेगी|
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