मैपाथन: गूगलअर्थ पर जेलों और सैन्‍य छावनी की जानकारियां खतरनाक हद तक सटीक

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दिल्ली: गूगल ने अपने यूजर्स से अपने इलाकों या आसपास की ज्यादा से ज्यादा सटीक जानकारी या तस्वीर भेजने की एक प्रतियोगिता ‘मैपाथन’ शुरू की थी। यह प्रतियोगिता 25 फरवरी से 25 मार्च तक चली थी। भारत में इसको लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है।

Google Earth Central Jailसर्वे ऑफ इंडिया ने गूगल ‘मैपाथन’ के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इसमें नेशनल सर्वे एंड मैपिंग एजेंसी ने गूगल प्रतियोगिता में देश की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। वर्तमान में गूगलअर्थ पर जेलों और छावनी क्षेत्रों की जानकारियां खतरनाक हट तक सटीक हैं। एजेंसी ने गूगल पर आरोप लगाया था कि कंपनी ने मैपाथन में सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया है, यह प्रतियोगिता गलत है और इससे देश की सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। आगे की कार्यवाही के लिए साइबर सेल के पास भेजा जा रहा है। दूसरी तरफ गूगल अधिकारियों का कहना है कि अभी कंपनी को पुलिस की तरफ से कोई नोटिस नहीं मिला है। इसका मकसद सभी स्थानीय जानकारियां इंटरनेट उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराना है, जिससे देश का कोई भी कानून नहीं टूटा है। प्रतियोगिता में भारतीय कानूनों का पूरी तरह से पालन किया गया है। भारत में गूगल की प्रवक्ता परोमा रॉय चौधरी ने कहा है कि कंपनी किसी भी चिंता पर खुली चर्चा के लिए तैयार है। गूगल ने फरवरी और मार्च 2013 में ‘मैपाथन’ प्रतियोगिता के जरिए यूजर्स से अपने आसपास के इलाकों की सूचना साझा करने को कहा था। इन सूचनाओं का इस्तेमाल गूगल ऑनलाइन मैप सर्विस को मजबूत करने के लिए करना चाहता है। इसके बदले में टॉप 1000 मैपर्स को पुरस्कार में टैबलेट पीसी, स्मार्टफोन और गिफ्ट वाउचर आदि दिए जाने हैं।