शिवसेना प्रमुख के अयोध्या कूच के आह्वान से सनसनी

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लखनऊ:लोकसभा चुनाव नजदीक आते देख अयोध्या में राम मंदिर को लेकर चलने वाली मुहिम में तेजी आती जा रही है। अंतराष्ट्रीय विश्व हिंदू परिषद ने प्रवीण भाई तोगड़िया के अयोध्या कूच के बाद अब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के अयोध्या कूच की तैयारी होने लगी है। ठाकरे के 25 नवंबर को अयोध्या पहुंचने के आह्वान से खुफिया तंत्र सक्रिय है। जिले-जिले शिवसैनिकों की टोह ली जा रही है। कहां से कितनी संख्या में शिवसैनिक कूच करेंगे, अांकलन किया जा रहा है। उनके साधनों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। उधर शिवसैनिकों ने भी तैयारियों को लेकर बैठकें शुरू कर दी हैं।
दो नवंबर कारसेवकों की शहादत का दिन
आज दो नवंबर 1990 कारसेवा में अयोध्या में अर्द्धसैनिक बलों की गोली के शिकार कारसेवकों की शहादत का दिन है। देश-विदेश और प्रदेश में उन्हें याद करने वालों की कहीं कमी नहीं है लेकिन यूपी में अयोध्या समेत कई नगरों में हुतात्मा कारसेवकों को श्रद्धांजलि दी जा रही है। ऐसे में खुफिया सक्रियता बढ़ गई है। दरअसल, कोर्ट में सुनवाई की तारीख आगे बढ़ाए जाने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सरकार से मामले में कदम बढ़ाने को कहा है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी ताल ठोक दी है। राज ठाकरे की ओर से 25 नवंबर को प्रदेश से शिवसैनिकों से पहुंचने के लिए अपील की गई है। रास्ते में पड़ने वाली जिला इकाइयों पर भी सूचनाएं पहुंच रही है।
अयोध्या मंदिर निर्माण शिवसेना ही कराएगी
अलीगढ़ से मिली सूचना के अनुसार जिले से 100 के करीब शिवसैनिकों के जाने की संभावना जताई जा रही है। समझा जाता है कि करीब सौ शिवसैनिक हर जिले से ले जाने का लक्ष्य तय किया गया है। शिवसेना, युवा इकाई, संत सेना, भवानी सेना, किसान सेना आदि संगठनों की बैठकें शुरू हो गई हैं। चर्चा है कि नाम-पते दर्ज किए जा रहे हैं कि आखिर कितनी संख्या में शिवसैनिक रवाना होंगे। शिवसेना के प्रदेश सचिव मांगेराम शर्मा ने बताया कि बड़ी संख्या में शिवसैनिक अयोध्या पहुंचेंगे। युवा जिला प्रमुख अमित सोनी ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण शिवसेना ही कराएगी। बाकी सब दल राजनीतिक रोटियां सेंकते हैं।
मंदिर निर्माण की बाधा दूर करे सरकार
अयोध्या में आज दो नवंबर 1990 कारसेवा में अर्द्धसैनिक बलों की गोली के शिकार कारसेवकों को श्रद्धांजलि दी गई। दिगंबर अखाड़ा में कारसेवकों की श्रद्धांजलि के लिए आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता रामजन्मभूमि न्यास के सदस्य एवं दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेशदास ने की। उन्होंने कहा, भगवान राम की जन्मभूमि को आक्रांताओं से तो मुक्त करया जा चुका है पर उनके पैरोकारों से मुक्त कराना अभी शेष है। न्यास सदस्य ने कहा, वर्तमान सरकार हिंदुओं की भावनाओं का आदर कर मंदिर निर्माण की बाधाओं को दूर करें।
कारसेवकों की भावना का सम्मान
अयोध्या-फैजाबाद के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने विश्वास दिलाया कि भाजपा हुतात्मा कारसेवकों को विस्मृत नहीं कर सकती है। सारी रुकावटों का निराकरण कर कारसेवकों की भावना का सम्मान होगा। अयोध्या संत समिति के अध्यक्ष एवं सनकादिक आश्रम पीठाधीश्वर महंत कन्हैयादास ने कहा, कारसेवकों की पवित्र आत्मा को मंदिर निर्माण से ही शांति मिलेगी। उन्होंने कहा, मोदी सरकार हिंदुओं की आस्था का सम्मान करें। इस मौके पर विहिप नेता सुरेंद्र सिंह तथा रामायणी रामशंकरदास ने भी विचार रखे और कानून बनाकर मंदिर निर्माण की मांग दोहराई। कार्यक्रम का संचालन विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने किया।
श्रीराम की 151 मीटर ऊंची प्रतिमा
अयोध्या में प्रस्तावित 151 मीटर ऊंची धातु निर्मित भगवान राम की प्रतिमा और उसके निकटवर्ती क्षेत्र के विकास पर लगभग आठ सौ करोड़ खर्च का आकलन किया गया है। यह आकलन राजकीय निर्माण निगम का है, जिसे राम की प्रतिमा स्थापना का कार्य सौंपा गया है।