माहे रमजान में इबादत और जकात फर्ज है: मौलाना ऐजाज नूरी

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फर्रुखाबाद: अल्लाह तालाह ने रमजान के रोजे मुसलमानों पर इसलिए फर्ज किये हैं ताकि वह रोजा रखकर तकवा व पहेजगारी और शिफ़ा हासिल करें और वह मेरे लिए खाना पीना छोड़ दें तो मैं उनको अजीम अज्र अता फरमाऊंगा|

नूरी फाउंडेशन के सदर मौलाना ऐजाज नूरी साहब ने बताया कि अल्लाह ने सभी मुसलामानों पे जकात फर्ज की है| अल्लाह ने फरमाया है कि तुम अपने हलाल माल में से अल्लाह की राह में जकात अदा करो और अल्लाह इसके बदले तुम्हारे माल की हिफाजत फरमाएगा और जिसने अपने माल की जकात अदा न की अल्लाह ताला उसके माल को सांप की शक्ल में उनकी कब्रों में  मुसल्लत फरमा देगा| ये सांप उनको क़यामत तक डसते रहेंगे|

उन्होंने बताया कि अल्लाह ने माहे रमजान में शब्बे कदर अता फरमाई| अल्लाह के रसूल ने फरमाया कि जिसने सब्बे कदर की रात में इबादत की अल्लाह ताला उसको ८० साल की मकबूल इबादत का सबाब अता फरमाएगा| और उन्होंने यह भी बताया कि बहुत से मुसलमान कुरान मुकम्मल होने के बाद तरावियाँ छोड़ देते हैं| जिसकी सख्त मनाई है| नमाज तराबी रमजान का चाँद देखकर शुरू होती है और ईद का चाँद देखकर खत्म होती है|

मुजफ्फर हुसैन रहमानी, मौलाना ऐजाज नूरी शाह, मौलाना शमशाद अहमद खां, हाजी मकबूल अंसारी ने अल्लाह ताला से दुआ करते हुए कहा कि अल्लाह ताला सारे मुसलमानों को रमजान में ज्यादा से ज्यादा इबादत करने की तौफीक अता फरमाये| आमीन….