बेरहम ठंड में 19 वें दिन भी गर्म दिखा लेखपालों का आंदोलन

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फर्रुखाबाद: बीते 19 दिन से चल रहे लेखपालों के आन्दोलन दिन-प्रतिदिन उग्र होता जा रहा है| लेखपाल किसी भी कीमत पर मांगे पूरी होंने से पहले धरने से हटने को राजी नही है| 19 वें दिन भी कड़ाके की ठंड के बाद भी लेखपाल आक्रोशित दिखे|
कलेक्ट्रेट में उत्तर-प्रदेश लेखपाल संघ अपनी विभिन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहा है| जिसके चलते आम जनता का कागजी काम भी अधर में है| लेकिन सरकार और लेखपालों के बीच अभी भी बात नही बनी| यूपी माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष प्रभात यादव नें आन्दोलन को अपना समर्थन भी दिया|
इस दौरान जिलाध्यक्ष सैद मीर खां, अनुराग दुबे, अतुल प्रताप सिंह, मनोज दीक्षित, शैलेन्द्र सिंह, महावीर सिंह आदि रहे|

फर्रुखाबादहुविषयक मांगों के समर्थन में प्रांतीय नेतृत्व के आवाहन पर कामबंद हड़ताल पर गये जिले भर के लेखपालों का 19वें दिन भी धरना जारी रहा। हाड़ कपा देने वाली प्रचंड ठंड को चुनौती देते हुए कलेक्ट्रेट पर डटे आंदोलनकारियों के बीच शनिवार को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष समर्थन देेने पहुंचे बोले कृष्ण के इस देश में जीत हमेशा सत्य की हुई है। लेखपाल बंधु सत्य की लड़ाई लड़ रहे हैं देर से ही सही जीत हार हाल में मिलकर रहेगी। शिक्षक नेता के इस समर्थन से आंदोलनकारियों के हौसले दो गुने दिखाई दिये। इस दौरान उन्होंने अपनी एकता के समर्थन में नारेबाजी करते हुए मांगों के साकार रुप लेने तक आंदोलन को जारी रखने की बचनवद्धता दोहराई। इसे शिक्षित बेरोजगारों और खितेर कामकाज के लिए जरुरत कागजात लेने के खातिर तहसीलों के चक्कर काट रहे अन्नदाता किसानों की मुश्किलें फिलहाल हल होती नजर नहीं आ रही है।
प्रचंड ठंड के बीच खुले आसमान के नीचे आंदोलनरत लेखपालों के बीच शनिवार को पहुंचे उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष प्रभात यादव ने आंदोलनकारियों को समर्थन देने का ऐलान करते हुए उनका उत्साहवर्धन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण की इस पृथ्वी पर जीत सदैव सत्य की हुई है। भगवत गीता में भगवान कृष्ण ने यही कहा है। इसलिए डटे रहे देर से ही सही विजयश्री जरुर मिलेगी। बोले शासन की दण्डात्मक और उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों से भयवीत होने की आवश्यकता नहीं है। माध्यमिक शिक्षक संघ लेखपाल संघ के साथ कदम से कदम मिलाकर खड़ा है।
हमपेशा साथियों को सम्बोधित करते हुए प्रमोद यादव ने कहा कि इस विपरीत मौसम के बावजूद साथी लेखपालों की आज की मौजूदगी बताती है कि वह आरपार की लड़ाई लड़ने का पुख्ता मन बनाये हुए है। इस एकता की कंठ मुख से सरहाना होनी चाहिए। बोले शासन के प्रति हमारी बाजिव मांगांे को स्वीकारने के लिए बरती जा रही उदासीनता निंदनीय है। वर्ष 2016 से अब तक हमारी मांगों की राज्य परिषद से प्रवल संस्तुति के बाद भी शासन कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। नतीजतन हमें आंदोलन का रास्ता अख्त्यिार करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
लेखपाल सोरन सिंह ने कहा कि अन्य विभागों के कर्मचारियों का तीन से पांच वर्ष में प्रमोशन हो जाता है मगर लेखपाल तीस से पैतीस वर्ष की सेवा के उपरान्त भी लेखपाल पद से ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं। आखिर यह अभिशाप हमारे पेशे से कब तक पैवन्द रहेगा।
सदर तहसील के लेखपाल अतुल प्रताप सिंह ने कहा कि अन्य विभागों की तरह लेखपालों को भी विभागीय परीक्षा के माध्यम से प्रोन्नति के अवसर उपलब्ध करायें जिससे योग्यता के आधार पर लेखपाल ऊंचे पदों पर आसीन हो सके।
युवा लेखपाल अनुराग दुबे ने इस दौरान हमपेशा साथियों की पीड़ा को अपने गीतों के माध्यम से उजागर किया। आज के आंदोलन समापन पर लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष सैदमीर खां ने कहा कि लेखपाल इस लड़ाई से बगैर अपनी मांगों को स्वीकारे जाने तक बापस नहीं हाने बाले है। बाले बर्खास्त निलबंन की कार्यवाही से हमें डराने की लाख कोशिश की जाये इसके बावजूद हम आंदोलन की राह पर डटे रहेगें।
इस अवसर पर धमेन्द्र त्रिपाठी, त्रिलोकीनाथ तिवारी, महेश्वर सिंह, शैलेन्द्र सिंह, मो. आविद, आशीष पाल, महावीर श्रीवास्तव, अंकित राठौर, विकास दीक्षित, आशीष यादव, मनोज दीक्षित, राजीव पाण्डेय, धीरेन्द्र सिंह, प्रमोद अवस्थी, विवेक पाण्डेय, उदय प्रताप सिंह, सह मीडिया प्रभारी रघुवंश कुमार सिंह आदि आंदोलनकारी मौजूद रहे।