साहित्य-कला और विज्ञान का समन्वयक रूप है फोटोग्राफ़ी

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फर्रुखाबाद: विश्व फोटोग्राफी दिवस पर आयोजित फोटो प्रदर्शन एवं गोष्ठी के आयोजन पर कहा गया कि फोटो ग्राफी साहित्य-कला और विज्ञान का समन्वयक रूप है| लेकिन आज नये दौर में यह कला सहज हुई है|
शहर के कोठा पर्चा स्थित एशियन कम्प्यूटर सेंटर पर आयोजित गोष्ठी एवं फोटो प्रदर्शन आयोजन किया गया | फोटो प्रदर्शनी देखने को भीड़ जुटी | गोष्ठी में प्रथम व द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान शहीद हुये फोटो ग्राफरों को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी| इस दौरान वरिष्ठ फोटोग्राफर रविन्द्र भदौरिया ने कहा कि फोटोग्राफी साहित्य-कला और विज्ञानं का समन्वयक रूप है| वर्तमान में विज्ञानं और सूचना क्रांति ने इंटरनेट के जरिये मोबाइल फोटोग्राफी के जरिये फोटो खीचने के शौक को सुबिधा जनक बना दिया है| वही इस दौरान वरिष्ठ फोटोग्राफर रहे स्वर्गीय रामनरायण पाण्डेय की याद में कला और गौरव सम्मान आदर्श मिश्रा (गुड्डू) को दिया गया| उन्होंने बीते 10 वर्षो तक फोटो ग्राफी में एक समाचार पत्र में काम किया|
छाया चित्रों की प्रदर्शनी में उमड़ी भीड़
फोटो प्रदर्शनी के शौक रखने वाले लोग बड़ी संख्या में प्रदर्शनी का अबलोकन करने के लिये पंहुचे| उन्होंने फोटो का अबलोकन कर सरहना भी की| प्रदर्शनी में पर्यावरण, ऐतिहासिक, सामजिक, उत्सव, सफाई अभियान से सम्बन्धित प्रेरणा दायक तस्वीरों का प्रदर्शन किया गया| दीपक शुक्ला, जितेन्द्र दीक्षित (टिंकू), अंशुल गंगवार, अक्षय दीक्षित, गौरव तिवारी सीपू, अनुराग पाण्डेय, रविन्द्र भदौरिया, प्रमोद द्विवेदी (भोले), राजीव शुक्ला, लक्ष्मीकान्त भारद्वाज आदि के फोटो प्रदर्शन किये गये|
इस दौरान डॉ० रामकृष्ण राजपूत, जबाहर सिंह गंगवार,चन्द्रशेखर कटियार, अनिल वर्मा शेखर, सूर्या वाजपेयी, संजय गर्ग, राघव दत्त मिश्रा, नवीन मिश्रा (नब्बू), आकांक्षा सक्सेना, अभिनव सारस्वत आदि रहे|संचालन सुरेन्द्र पाण्डेय ने किया|