वर्तमान ब्लाक प्रमुख राशिद जमाल का निर्विरोध बीडीसी बनना तय

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RASHID ZAMAL SIDDIQUE11कमालगंज: पंचायत चुनाव नामांकन वापसी में बीडीसी क्षेत्र वार्ड संख्या 64 नसरतपुर से सात नामांकन वापस कराकर सपा विधायक जमालुद्दीन सिद्दीकी के पुत्र ब्लाक प्रमुख राशिद जमाल सिद्दीकी का निर्विरोध बीडीसी बनना तय हो गया है। वार्ड संख्या 132 शरफाबाद से ब्लाक प्रमुख राशिद जमाल सिद्दीकी के नामांकन वापस लेने के बाद उनके विरुद्ध नामांकन करने वाले खालिद सिद्दीकी का मुकाबला सपा विधायक की पत्नी रिजवाना सिद्दीकी से होगा। क्षेत्र पंचायत कार्यालय पर शनिवार को नामांकन वापसी के दौरान सुबह से ही ब्लाक प्रमुख राशिद जमाल सिद्दीकी पहुंच गये तथा अपने कक्ष में डेरा जमा लिया। करीब दस बजे सपा विधायक जमालुद्दीन सिद्दीकी अपने समर्थकों के साथ आये तथा क्षेत्र पंचायत कार्यालय के सामने स्थित एक दुकान पर डट गये। उसके बाद बीडीसी वार्ड संख्या 64 नसरतपुर से नामांकन करने वालों के आने का सिलसिला शुरू हुआ। नसरतपुर बीडीसी क्षेत्र से कुल आठ नामांकन थे, जिसमें से सात नामांकन वापस हो गये। सपा विधायक के पुत्र ब्लाक प्रमुख राशिद जमाल सिद्दीकी का ही अकेला नामांकन शेष रहने पर उनका निर्विरोध बीडीसी निर्वाचित होना तय हो गया है।

ज्ञातव्य है कि ब्लाक प्रमुख राशिद जमाल सिद्दीकी ने वार्ड संख्या 132 शरफाबाद से पहले नामांकन किया था। उनके विरुद्ध जरारी निवासी खालिद सिद्दीकी के नामांकन करने के बाद राशिद जमाल सिद्दीकी ने नसरतपुर से दूसरा नामांकन किया था। साथ ही शरफाबाद व नसरतपुर दोनों बीडीसी क्षेत्रों से सपा विधायक की पत्नी रिजवाना सिद्दीकी का भी नामांकन कराया गया था। पुत्र को निर्विरोध बीडीसी बनाने के लिए सपा विधायक की पत्नी ने नसरतपुर से अपना नामांकन वापस ले लिया है। वहीं ब्लाक प्रमुख राशिद जमाल सिद्दीकी ने शरफाबाद क्षेत्र से अपना नामांकन वापस लिया। इससे शरफाबाद बीडीसी क्षेत्र से सपा विधायक की पत्नी व ब्लाक प्रमुख के विरुद्ध नामांकन करने वाले खालिद सिद्दीकी के बीच मुकाबला होगा।

नामांकन वापसी के लिए क्षेत्र पंचायत कार्यालय के मुख्य द्वार पर पुलिस बल तैनात रहा। सुबह 10 बजे तक सन्नाटा रहा। उसके बाद नामांकन वापस करने वालों का आना शुरू हुआ। नामांकन वापसी के लिए मुख्य द्वार पर ही प्रत्याशी को फार्म उपलब्ध कराया जाता था। फार्म पूर्ण करने के बाद अकेले प्रत्याशी को ही गेट के अंदर जाने की अनुमति दी जाती थी। इस दौरान चुनाव चिह्न लेने वालों का तांता लगा रहा। पुलिस उन्हें मुख्य द्वारा से ही लौटाती रही।