यूपी के चुनावी घमासान में 50 अरब की ब्लैक मनी इस्तेमाल!

Uncategorized

Election meetingनई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में काले धन की रोकथाम में लगी फाइनेंसियल इंटेलीजेंस यूनिट यानि एफआईयू को उतर प्रदेश के संबंध में कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं। शक है कि नेताओं ने टिकट लेने, शक्ति प्रदर्शन करने और आला नेताओं को खुश करने में अरबों रुपये खर्च किए हैं। इतना ही नहीं जानकारी ये भी है कि मौजूदा चुनाव में केवल उतर प्रदेश में ही करीब 50 अरब रुपये का कालाधन इस्तेमाल होने वाला है। बता दें कि चुनाव आयोग के निर्देश पर ये फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट बनी है।

बड़ी-बड़ी रैलियां, लंबे काफिले और वोटरों को लुभाने के लिए नए-नए तरीके अपनाने वाले नेताओं के लिए ये बुरी खबर है। चुनाव आयोग के निर्देश पर फाइनेंसियल इंटेलीजेंस यूनिट यानि एफआईयू ने नेताओं के पिछले छह महीने के ट्रांजैक्शन का लेखा जोखा निकाल लिया है, जिसका आकलन करने पर उतर प्रदेश में जमकर काले धन के इस्तेमाल की आशंका जताई गई है।

पीटीसी-एफआईयू ने पिछले साल सितंबर से फरवरी के दौरान बैंक खातों की लेन देन की सघन जांच की है। सूत्रों के मुताबिक जिन खातों की जांच की गई उनमें से अधिकतर विभिन्न दलों से जुड़े नेताओं के थे। इस जांच में कई हैरान कर देने वाली जानकारी मिली। एफआईयू की जांच में पता चला कि सितंबर 2013 से फरवरी 2014 तक उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में वाहन और संपत्ति की खरीद फरोख्त हुई।

[bannergarden id=”8″] [bannergarden id=”11″]
आमतौर पर उतर प्रदेश में बैंकों से हर रोज 19 अरब की रकम निकाली जाती है और 18.5 अरब की रकम जमा की जाती है। लेकिन सितंबर 2013 से 28 फरवरी 2014 तक औसतन 32 अरब की रकम निकाली गई और 23 अरब रुपये की रकम जमा की गई। इसके बाद बैंको का कारोबार अचानक स्थिर हो गया। जब जांच हुई तो पता चला कि देश में 84.12 लाख लोगों के एक से अधिक खाते हैं।

बैंकों के कारोबार में आए अचानक बदलाव के बारे में एफआईयू ने गहनता से जांच शुरू कर दी। ऐसे खातेदारों के नाम निकाले जाने लगे तो एक और हैरान कर देने वाली जानकारी सामने थी। सूत्रों की मानें तो 29 दलों से जुड़े करीब 2200 नेताओं के खातों से किए गए लेन देन संदेह पैदा कर रहे थे। वजह ये कि इन खास खातों में सितंबर से फरवरी के बीच हुई लेन देन की जानकारी आयकर रिटर्न में नहीं दी गई थी। कई मामलों में तो खातों की ही जानकारी आयकर रिटर्न से गायब थी।

एफआईयू के लिए ये चौंकाने वाली जानकारी थी जिसके बाद उसने अपनी रिपोर्ट चुनाव आयोग को दी। आयोग ने इस संबंध में आरबीआई को पत्र लिख कर ऐसे खातों के बारे में जानकारी मांगी है। संदिग्ध लोगों को जल्द ही आयकर का नोटिस भी मिल सकता है।