पहल: उप्र में न्यायिक पीठों के क्षेत्राधिकार को लेकर याचिका

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Nutan Thakur copyलखनऊ| लखनऊ निवासी सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में जनहित याचिका दायर कर दोनों पीठों (इलाहाबाद उच्च न्यायालय और लखनऊ खंडपीठ) के क्षेत्राधिकार के पुनर्गठन का अनुरोध किया है। याचिका के अनुसार, वर्तमान में दोनों पीठों का क्षेत्राधिकार ‘संयुक्त प्रांत उच्च न्यायालय एकीकरण आदेश 1948’ के अनुसार निर्धारित है। आदेश के मुताबिक लखनऊ पीठ के तहत अवध का इलाका जबकि बाकी क्षेत्र इलाहाबाद पीठ के तहत आता है।

नूतन का कहना है कि यह व्यवस्था पूरी तरह त्रुटिपूर्ण और अनुचित है क्योंकि इसमें राज्य के विभिन्न स्थानों से इलाहाबाद और लखनऊ की दूरी का ध्यान नहीं रखा गया है। इस कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों के लोगों को इलाहाबाद जाने के लिए लखनऊ से गुजरना होता है। इसी तरह इलाहाबाद से सटे प्रतापगढ़ जिले को इलाहाबाद की जगह लखनऊ में रखा गया है। यह व्यवस्था मुकदमा दायर करने वाले लोगों के लिए बहुत कष्टकारी और उनके हितों के खिलाफ है।
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उन्होंने याचिका में वर्ष 1948 के इस आदेश को लोगों के हितों के विपरीत बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की है और विभिन्न स्थानों से दूरी को ध्यान में रखकर क्षेत्राधिकार का निर्धारण फिर से किए जाने का अनुरोध किया है।